आवासन मंडल से प्रदेश में कहीं भी एक मकान लेने के बाद दूसरे शहर में मकान लेने पर लगी रोक हट गई है। साथ ही, सेवानिवृत्त या सेवानिवृत्ति के करीब वाले कर्मचारियों को चार फीसदी मकान देने के 18 साल पुराने आदेश पर भी अमल शुरू कर दिया है।
न्यायाधीश मनीष् भण्डारी ने इस मामले से सम्बन्घित संसदीय कार्य विभाग में संयुक्त विधि परामर्शी के रूप में कार्यरत राजेन्द्र प्रसाद केडिया की याचिका को निस्तारित कर दिया है, आवासन मंडल के केडिया को 2009-10 की चार फीसदी कोटे वाली श्रेणी में शामिल करने के बाद यह कार्यवाही की।
हाईकोर्ट ने 16 मार्च को आवासन मंडल से प्रदेश में कहीं भी एक मकान लेने पर उसे दूसरा मकान आवंटन करने पर रोक लगा दी थी, याचिका निस्तारित होने से यह रोक भी हट गई है। न्यायालय ने कहा कि प्रार्थी को तीन माह में चार फीसदी कोटे के तहत मकान देने की कार्यवाही की जाए। उधर, रोक के बाद आवासन मण्डल ने कब्जे से लेकर आवंटन और नई योजनाओं में आवेदन के लिए शपथ पत्र लेना शुरू कर दिया था।
न्यायाधीश मनीष् भण्डारी ने इस मामले से सम्बन्घित संसदीय कार्य विभाग में संयुक्त विधि परामर्शी के रूप में कार्यरत राजेन्द्र प्रसाद केडिया की याचिका को निस्तारित कर दिया है, आवासन मंडल के केडिया को 2009-10 की चार फीसदी कोटे वाली श्रेणी में शामिल करने के बाद यह कार्यवाही की।
हाईकोर्ट ने 16 मार्च को आवासन मंडल से प्रदेश में कहीं भी एक मकान लेने पर उसे दूसरा मकान आवंटन करने पर रोक लगा दी थी, याचिका निस्तारित होने से यह रोक भी हट गई है। न्यायालय ने कहा कि प्रार्थी को तीन माह में चार फीसदी कोटे के तहत मकान देने की कार्यवाही की जाए। उधर, रोक के बाद आवासन मण्डल ने कब्जे से लेकर आवंटन और नई योजनाओं में आवेदन के लिए शपथ पत्र लेना शुरू कर दिया था।
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