पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, August 4, 2010

65 साल में सेवानिवृत्ति के मंसूबे पूरे नहीं हुए

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के स्टे को यूनिवर्सिटी की केवियट पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब प्रोफेसरों को अपनी निर्धारित तिथि पर सेवानिवृत्ति लेनी होगी।

सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल किए जाने की मांग पर लेकर आरसीए के डीन प्रो. वीएन जोशी, होम साइंस कॉलेज की डीन प्रो. माया चौधरी, फिशरीज कॉलेज के डीन प्रो. एलएल शर्मा व एक अन्य प्रोफेसर को कोर्ट से स्टे मिल गया था। इसके विरुद्ध यूनिवर्सिटी ने केवियट दायर की थी। कोर्ट ने केवियट पर सुनवाई के बाद स्टे खारिज कर दिया है। अब प्रोफेसरों को तय तिथि को ही सेवानिवृत्ति मिलेगी।

सुविवि में भी है स्टे

इस तरह की मांग को लेकर सुविवि के कुछ प्रोफेसरों को भी कोर्ट से स्टे मिला हुआ है। एमपीयूएटी के मामले को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि सुविवि के प्रोफेसरों के स्टे भी खारिज हो जाएंगे।

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