राजस्थान उच्च न्यायालय ने एमबीबीएस पाठयक्रम के लिए आयोजित आरपीएमटी-2010 में आरक्षित वर्ग से 50 प्रतिशत सीटें ही भरने का आदेश देते हुए राज्य सरकार सहित संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
न्यायाधीश डॉ. विनित कोठारी ने 50 प्रतिशत सीटें सामान्य श्रेणी से भरने की अनिवार्यता का आदेश देते हुए कहा कि यह अंतरिम आदेश याचिका के निर्णय से प्रभावित होगा। न्यायाधीश कोठारी ने विनित कुमार व सामान्य श्रेणी के दो अन्य अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता श्रीमती नुपूर भाटी द्वारा दायर रिट याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। याचिका पर राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव आरपीएमटी-2010 के आयोजक राजस्थान विवि स्वास्थ्य विज्ञान जयपुर को नोटिस जारी किए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी सूरत में 50 प्रतिशत से अधिक पद आरक्षित नहीं किए जा सकते, बावजूद इसके अप्रार्थी आरपीएमटी 2010 में 71 प्रतिशत सीटें आरक्षित वर्ग से भरने जा रहे हैं। एमबीबीएस में प्रवेश लिए कुल 655 सीटें निर्धारित हैं और नियमानुसार इनमें से 327 सीटें ही आरक्षित की जा सकती है। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश डॉ. कोठारी ने 327 सीटें सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों से भरने के अंतरिम आदेश दिया।
न्यायाधीश डॉ. विनित कोठारी ने 50 प्रतिशत सीटें सामान्य श्रेणी से भरने की अनिवार्यता का आदेश देते हुए कहा कि यह अंतरिम आदेश याचिका के निर्णय से प्रभावित होगा। न्यायाधीश कोठारी ने विनित कुमार व सामान्य श्रेणी के दो अन्य अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता श्रीमती नुपूर भाटी द्वारा दायर रिट याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। याचिका पर राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव आरपीएमटी-2010 के आयोजक राजस्थान विवि स्वास्थ्य विज्ञान जयपुर को नोटिस जारी किए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी सूरत में 50 प्रतिशत से अधिक पद आरक्षित नहीं किए जा सकते, बावजूद इसके अप्रार्थी आरपीएमटी 2010 में 71 प्रतिशत सीटें आरक्षित वर्ग से भरने जा रहे हैं। एमबीबीएस में प्रवेश लिए कुल 655 सीटें निर्धारित हैं और नियमानुसार इनमें से 327 सीटें ही आरक्षित की जा सकती है। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश डॉ. कोठारी ने 327 सीटें सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों से भरने के अंतरिम आदेश दिया।
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