गृह मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि सुबूत हासिल करने के मकसद से किसी आरोपी पर नार्को विश्लेषण जाँच को अनिवार्य कर देने का सरकार कोई इरादा नहीं है और इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
चिदंबरम ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान ईश्वर सिंह के सवाल के जवाब में बताया कि पाँच मई 2010 को उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि किसी भी आरोपी पर नार्को विश्लेषण, ब्रैन मैपिंग या पोलीग्राफ जाँच उसकी रजामंदी के बगैर नहीं कराई जा सकती।
न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों पर ही ये जाँच कराने को कहा है। आयोग के दिशा-निर्देश भी यही कहते हैं कि इस तरह की जाँच से पहले उस प्रक्रिया से गुजरने वाले व्यक्ति की रजामंदी लेना जरूरी है। अगर आरोपी सहमति नहीं दे तो उस पर तीनों में से कोई भी जाँच नहीं होगी।
उन्होंने वाईपी त्रिवेदी के पूरक सवाल पर कहा कि इस आलोक में हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमारा आपराधिक मामलों में किसी भी आरोपी पर नार्को विश्लेषण जाँच को अनिवार्य कर देने का कोई इरादा नहीं है।
चिदंबरम ने कहा कि मेरा व्यक्तिगत मत यह है कि नार्को विश्लेषण जाँच नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अवतार सिंह करीमपुरी के पूरक सवाल के जवाब में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इन जाँचों पर रोक नहीं लगाई है। सिर्फ यही कहा है कि जाँच करने से पहले आरोपी की रजामंदी लेना जरूरी है।
गृह मंत्री ने कहा कि मेरा निजी नजरिया यह है कि पोलीग्राफ जाँच का इस्तेमाल हो सकता है लेकिन नार्को विश्लेषण और ब्रैन मैपिंग नहीं की जानी चाहिए।
चिदंबरम ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान ईश्वर सिंह के सवाल के जवाब में बताया कि पाँच मई 2010 को उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि किसी भी आरोपी पर नार्को विश्लेषण, ब्रैन मैपिंग या पोलीग्राफ जाँच उसकी रजामंदी के बगैर नहीं कराई जा सकती।
न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों पर ही ये जाँच कराने को कहा है। आयोग के दिशा-निर्देश भी यही कहते हैं कि इस तरह की जाँच से पहले उस प्रक्रिया से गुजरने वाले व्यक्ति की रजामंदी लेना जरूरी है। अगर आरोपी सहमति नहीं दे तो उस पर तीनों में से कोई भी जाँच नहीं होगी।
उन्होंने वाईपी त्रिवेदी के पूरक सवाल पर कहा कि इस आलोक में हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमारा आपराधिक मामलों में किसी भी आरोपी पर नार्को विश्लेषण जाँच को अनिवार्य कर देने का कोई इरादा नहीं है।
चिदंबरम ने कहा कि मेरा व्यक्तिगत मत यह है कि नार्को विश्लेषण जाँच नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अवतार सिंह करीमपुरी के पूरक सवाल के जवाब में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इन जाँचों पर रोक नहीं लगाई है। सिर्फ यही कहा है कि जाँच करने से पहले आरोपी की रजामंदी लेना जरूरी है।
गृह मंत्री ने कहा कि मेरा निजी नजरिया यह है कि पोलीग्राफ जाँच का इस्तेमाल हो सकता है लेकिन नार्को विश्लेषण और ब्रैन मैपिंग नहीं की जानी चाहिए।
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