न्यायमूर्ति भगवती प्रसाद रविवार को झारखंड के सातवें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे. राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भगवती प्रसाद कल राजभवन में बिरसा मंडप में आयोजित एक समारोह में दिन में बारह बजे अपने पद की शपथ लेंगे. उन्हें झारखंड के राज्यपाल एम ओ एच फारूक पद एंव गोपनीयता की शपथ दिलायेंगे . प्रसाद झारखंड उच्च न्यायालय के सातवें मुख्य न्यायाधीश होंगे. इसके पहले न्यायमूर्ति प्यानसुधा मिश्रा राज्य की मुख्य न्यायाधीश थी जिन्हें पदोन्नत कर तीन माह पूर्व सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया था.
न्यायमूर्ति मिश्रा की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय में होने के बाद झारखंड में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का कार्य एम वाई इकबाल देख रहे थे लेकिन उन्हें भी ग्यारह जून 2010 को मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया जिसके बाद से यहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील हरकौली कार्य कर रहे थे.
न्यायमूर्ति भगवती प्रसाद का जन्म 13 मई 1949 को राजस्थान के हनुमानगढ जिले में हुआ था. उन्होंने कानून की पढाई करने के बाद 1972 में उन्होंने राजस्थान बार कांउसिंल में अपना पंजीकरण कराया और चौबीस वर्ष तक प्रैक्टिस किया. इस दौरान प्रसाद ने जोधपुर में कानून के शिक्षक के रूप में भी कार्य किया और राजस्थान बार काउंसिल के अनेक पदों को भी सुशोभित किया.
प्रसाद को छह अप्रैल 1996 को राजस्थान उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया और फिर सात फरवरी 2008 को उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया.
हाल में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में वरिष्ठतम पांच न्यायाधीशों के पैनेल ने न्यायमूर्ति प्रसाद को झारखंड का मुख्य न्यायाधीध बनाये जाने की अनुशंसा की जिसका प्रस्ताव विधि एंव न्याय मंत्रालय की ओर से प्राप्त होने पर राजभवन ने इस पर पिछले माह ही अपनी हरी झंडी दिखा दी थी.
न्यायमूर्ति प्रसाद ने राजस्थान एंव गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर कानून के सभी क्षेत्रों से जुडे मामलों में अनेक महत्वपूर्ण फैसले सुनाये है.
न्यायमूर्ति मिश्रा की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय में होने के बाद झारखंड में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का कार्य एम वाई इकबाल देख रहे थे लेकिन उन्हें भी ग्यारह जून 2010 को मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया जिसके बाद से यहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील हरकौली कार्य कर रहे थे.
न्यायमूर्ति भगवती प्रसाद का जन्म 13 मई 1949 को राजस्थान के हनुमानगढ जिले में हुआ था. उन्होंने कानून की पढाई करने के बाद 1972 में उन्होंने राजस्थान बार कांउसिंल में अपना पंजीकरण कराया और चौबीस वर्ष तक प्रैक्टिस किया. इस दौरान प्रसाद ने जोधपुर में कानून के शिक्षक के रूप में भी कार्य किया और राजस्थान बार काउंसिल के अनेक पदों को भी सुशोभित किया.
प्रसाद को छह अप्रैल 1996 को राजस्थान उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया और फिर सात फरवरी 2008 को उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया.
हाल में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में वरिष्ठतम पांच न्यायाधीशों के पैनेल ने न्यायमूर्ति प्रसाद को झारखंड का मुख्य न्यायाधीध बनाये जाने की अनुशंसा की जिसका प्रस्ताव विधि एंव न्याय मंत्रालय की ओर से प्राप्त होने पर राजभवन ने इस पर पिछले माह ही अपनी हरी झंडी दिखा दी थी.
न्यायमूर्ति प्रसाद ने राजस्थान एंव गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर कानून के सभी क्षेत्रों से जुडे मामलों में अनेक महत्वपूर्ण फैसले सुनाये है.
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment