रायपुर. अभनपुर इलाके के ग्राम सिंगारभाठा के किसान सुरेश यादव ने आत्महत्या इसलिए की क्योंकि उसकी जमीन बंदोबस्त में निकल गई और अफसर इस त्रुटि को सुधारने के लिए तैयार नहीं थे। उनकी नहीं सुनी, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली।
मामला 16 मार्च का है। सुरेश यादव की दो एकड़ जमीन बंदोबस्त में दूसरे के हिस्से में चली गई। सुरेश ने तहसीलदार यामिनी पांडे के पास आवदेन देकर बंदोबस्त दुरुस्त करने की गुहार लगाई। उसने कई चक्कर लगाए, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। तहसीलदार ने उसके आवेदन पर ध्यान नहीं दिया। सुरेश ने राजस्व निरीक्षक राजेंद्र चौधरी से भी कई बार आग्रह किया, लेकिन वह भी बंदोबस्त निरीक्षण के लिए नहीं गए।
इसी दौरान सुश्री पांडे का तबादला हो गया। नए तहसीलदार बी जंघेल आए, लेकिन सुरेश की समस्या यथावत रही। दफ्तर के बाबुओं ने भी सुरेश को चक्कर कटवाना शुरू कर दिया। महीनों ऐसा ही सिलसिला चलता रहा। आखिरकार 16 मार्च को उसने आत्महत्या कर ली। इन सब बातों का खुलासा जांच में हुआ है।
मामला 16 मार्च का है। सुरेश यादव की दो एकड़ जमीन बंदोबस्त में दूसरे के हिस्से में चली गई। सुरेश ने तहसीलदार यामिनी पांडे के पास आवदेन देकर बंदोबस्त दुरुस्त करने की गुहार लगाई। उसने कई चक्कर लगाए, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। तहसीलदार ने उसके आवेदन पर ध्यान नहीं दिया। सुरेश ने राजस्व निरीक्षक राजेंद्र चौधरी से भी कई बार आग्रह किया, लेकिन वह भी बंदोबस्त निरीक्षण के लिए नहीं गए।
इसी दौरान सुश्री पांडे का तबादला हो गया। नए तहसीलदार बी जंघेल आए, लेकिन सुरेश की समस्या यथावत रही। दफ्तर के बाबुओं ने भी सुरेश को चक्कर कटवाना शुरू कर दिया। महीनों ऐसा ही सिलसिला चलता रहा। आखिरकार 16 मार्च को उसने आत्महत्या कर ली। इन सब बातों का खुलासा जांच में हुआ है।
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