मुंबई हमलों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने बचाव पक्ष के वकील अब्बास काजमी के इस आग्रह को गुरुवार को ठुकरा दिया कि उन्हें 26 नवंबर के हमलों के स्थलों और समुद्री नौका एमवी कुबेर का जायजा लेने का मौका दिया जाए। इसका कथित तौर पर उपयोग लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने मुंबई तट पर पहुँचने के लिए किया था।
काजमी मुंबई हमलों में एकमात्र जीवित गिरफ्तार एवं मुख्य आरोपी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब का बचाव कर रहे हैं।
न्यायाधीश एमएल ताहिलियानी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता में वकीलों को अपराध के स्थल का जायजा लेने की इजाजत देने का कोई प्रावधान नहीं है और इस संबंध में अदालत से इजाजत की जरूरत नहीं होती है।
न्यायाधीश ने कहा कि एमवी कुबेर के मामले में अदालत इजाजत नहीं दे सकती, क्योंकि मुचलका जमा करने के बाद नौका को उसके स्वामी को सौंप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बिंदू पर कुबेर का जायजा लेना जरूरी नहीं है, लेकिन बाद में अगर अदालत महसूस करती है कि यह जरूरी है तो वह वकीलों को इसक इजाजत देगी।
काजमी मुंबई हमलों में एकमात्र जीवित गिरफ्तार एवं मुख्य आरोपी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब का बचाव कर रहे हैं।
न्यायाधीश एमएल ताहिलियानी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता में वकीलों को अपराध के स्थल का जायजा लेने की इजाजत देने का कोई प्रावधान नहीं है और इस संबंध में अदालत से इजाजत की जरूरत नहीं होती है।
न्यायाधीश ने कहा कि एमवी कुबेर के मामले में अदालत इजाजत नहीं दे सकती, क्योंकि मुचलका जमा करने के बाद नौका को उसके स्वामी को सौंप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बिंदू पर कुबेर का जायजा लेना जरूरी नहीं है, लेकिन बाद में अगर अदालत महसूस करती है कि यह जरूरी है तो वह वकीलों को इसक इजाजत देगी।
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