पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, May 22, 2009

अवमानना मामले में बार के सचिव को जवाब दाखिल करने का समय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आपराधिक अवमानना मामले में बार एसोसिएशन के सचिव वीर सिंह को जारी नोटिस का जवाब 27 मई तक दाखिल करने का समय दिया है। अगली सुनवाई की तिथि 27 मई नियत की गयी है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद प्रसाद तथा न्यायमूर्ति वाईसी गुप्ता की खंडपीठ ने दिया है। उल्लेखनीय है कि एक अधिवक्ता की मौत के मामले में जिला एवं पुलिस प्रशासन की मनमानी कार्रवाई के विरोध में एक मई को अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया था। इसी कड़ी में बार के सचिव ने बार के निर्णय की जानकारी न्याय कक्षों में देकर सहयोग मांगा था। कोर्ट बरामदे में भीड़ एकत्र होने से न्यायिक कार्रवाई में बाधा पहुंची जिसे न्यायालय ने गंभीरता से लिया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से कानून के अधीन है। किसी भी दशा में कोर्ट के सम्मान व गरिमा को कम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। न्यायालय ने अधिवक्ताओं के व्यवहार को अवमानना की परिधि में माना और अवमानना अधिनियम की धारा 15 के तहत न्यायिक कार्रवाई में बाधा उत्पन्न करने के लिए सचिव वीर सिंह पर आपराधिक अवमानना केस दर्ज करने का आदेश दिया। इस पर यह अवमानना कार्रवाई की गयी है।

0 टिप्पणियाँ: