राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक वर्मा ने 6 मई को, उच्च न्यायालय की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में, मुकद्दमों की स्थिति संबंधित सूचना सेवा का उद्घाटन किया। हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश प्रकाश टाटिया के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस सेवा के उद्घाटन के मौके पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश, सभी रजिस्ट्रार, अधिवक्ता व सेवा से संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
न्यायालय सूत्रों द्वारा मीडिया को बताया गया है कि कि यह सेवा तीन टेलीफोन नंबर- 2540385, 2540386 तथा 2540397 पर उपलब्ध होगी। राजस्थान हाईकोर्ट केस स्टेटस सूचना सेवा प्रारंभ करने वाले उच्च न्यायालयों में अग्रणी है। इस सेवा के माध्यम से मुख्य पीठ में लंबित लगभग एक लाख प्रकरणों में से लंबित, निस्तारित होने वाले, उनकी पूर्व की और आगामी तिथि के बारे में सूचना प्राप्त की जा सकती है।
न्यायालय सूत्रों ने बताया कि यह सेवा सूचना के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस सेवा का उपयोग करने वाले केवल इसी पर आधारित नहीं रहें। इसके लिए उच्च न्यायालय या एनआईसी किसी प्रकार से दायित्व के अधीन नहीं होगा।
न्यायालय सूत्रों द्वारा मीडिया को बताया गया है कि कि यह सेवा तीन टेलीफोन नंबर- 2540385, 2540386 तथा 2540397 पर उपलब्ध होगी। राजस्थान हाईकोर्ट केस स्टेटस सूचना सेवा प्रारंभ करने वाले उच्च न्यायालयों में अग्रणी है। इस सेवा के माध्यम से मुख्य पीठ में लंबित लगभग एक लाख प्रकरणों में से लंबित, निस्तारित होने वाले, उनकी पूर्व की और आगामी तिथि के बारे में सूचना प्राप्त की जा सकती है।
न्यायालय सूत्रों ने बताया कि यह सेवा सूचना के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस सेवा का उपयोग करने वाले केवल इसी पर आधारित नहीं रहें। इसके लिए उच्च न्यायालय या एनआईसी किसी प्रकार से दायित्व के अधीन नहीं होगा।
3 टिप्पणियाँ:
भाई क्या अन्य उच्च न्यायालयों में भी इस तरह की सेवा की सूचना आपके पास है? वैसे ध्यान से देखें तो ये भी RTI की तरह एक झुनझुना ही सिद्ध हो रही है आपको स्थिति पता चल जाएगी लेकिन वह स्थिति क्यों है उस बात का उत्तरदायित्त्व न तो कोई लेगा और न ही उस स्थिति के लिए उत्तरदायी भ्रष्ट व्यक्ति को दंडित करा जाएगा। आज की सबसे बड़ी समस्या है जुडीशियरी का भ्रष्टाचार जिस पर कोई चूं तक कर दे तो उसे उठा कर कानून के गेयर में मामले बना कर फंसा दिया जाता है बिलकुल अंग्रेजों वाले तरीके से......
सादर
डा.रूपेश श्रीवास्तव
आदरणीय श्रीवास्तव जी अन्य उच्च न्यायालयों की पूरी स्थिति तो मालूम नहीं लेकिन राजस्थान रेवेन्यू बोर्ड, अजमेर में यह कार्य पिछले कई वर्षो से बखूबी किया जा रहा है। इसलिए प्रत्येक कार्य पर अत्यधिक अविश्वास भी ठीक नहीं है।
hmm. nice style ))
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