आरक्षण की नीति को 10 और वर्ष का विस्तार देने के लिए संविधान में हुए 109वें संशोधन को चुनौती देती एक याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया।
न्यायमूर्ति आरसी गांधी और न्यायमूर्ति जीएस सराफ की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अमरनाथ वैश्य की याचिका पर यह आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता के वकील अरूणेश्वर गुप्ता के मुताबिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण मुहैया कराने वाला संशोधन बीते 60 साल में इन जाति और वर्गों के कल्याण में दु:खद रूप से नाकाम रहा है।
उन्होंने कहा कि बीते 60 वर्ष में आरक्षण की कोई उपयोगिता नहीं रही है। आरक्षण नीति को शिक्षा तथा सेवा क्षेत्र में 10 जनवरी 2010 से अगले 10 वर्ष के लिए बढ़ाया जाना निरर्थक है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस नीति से जातिगत टकराव भी पैदा हुआ है।
न्यायमूर्ति आरसी गांधी और न्यायमूर्ति जीएस सराफ की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अमरनाथ वैश्य की याचिका पर यह आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता के वकील अरूणेश्वर गुप्ता के मुताबिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण मुहैया कराने वाला संशोधन बीते 60 साल में इन जाति और वर्गों के कल्याण में दु:खद रूप से नाकाम रहा है।
उन्होंने कहा कि बीते 60 वर्ष में आरक्षण की कोई उपयोगिता नहीं रही है। आरक्षण नीति को शिक्षा तथा सेवा क्षेत्र में 10 जनवरी 2010 से अगले 10 वर्ष के लिए बढ़ाया जाना निरर्थक है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस नीति से जातिगत टकराव भी पैदा हुआ है।
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