पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, October 30, 2009

सर्वोच्च न्यायालय का बाटला हाऊस एनकाउंटर की न्यायिक जांच से इंकार


सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके में हुई मुठभेड़ की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने की मांग करने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। पुलिस के साथ हुई इस मुठभेड़ में दो युवकों की मौत हो गई थी।प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति के. जी. बालाकृष्णन और न्यायधीश न्यायमर्ति पी. सथशिवम व न्यायमूर्ति बी. एस. चौहान की खंडपीठ ने यह कहते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया कि पुलिस पर फायरिंग करने वाले सशस्त्र युवक निर्दोष नहीं हो सकते।

गैर सरकारी संगठन 'ऐक्ट नाउ फॉर हारमनी एंड डेमोक्रेसी' (अनहद) की ओर से दायर इस याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को भी चुनौती दी गई थी जिसमें इस मामले में दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट दी गई थी।

गौरतलब है कि 19 सितम्बर, 2008 को बटला हाउस में मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा भी शहीद हो गए थे।

1 टिप्पणियाँ:

Randhir Singh Suman said...

galathai.