आने वाले दिनों में साधारण बीमा कंपनियों को निश्चित संख्या में मोटर थर्ड पार्टी लाइबिलिटी पॉलिसी की बिक्री करनी पड़ सकती है। इसके लिए सरकार बीमा अधिनियम 1938 में संशोधन करने जा रही है। अभी साधारण बीमा कंपनियां थर्ड पार्टी पॉलिसी की बिक्री नहीं करना चाहती हैं। थर्ड पार्टी पॉलिसी बेचने से कंपनियों को नुकसान होता है, जिससे वे इसकी बिक्री नहीं करना चाहती हैं।
सरकार मौजूदा बीमा कानून में व्यापक सुधार करने जा रही है। कंपनियों के लिए थर्ड पार्टी की बिक्री अनिवार्य बनाना इसी सुधार कार्यक्रम का हिस्सा है। बीमा कानून में संशोधन के जरिए सरकार इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा मौजूदा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करना चाहती है। थर्ड पार्टी पॉलिसी की बिक्री अनिवार्य बना देने से वाहन रखने वाले लोगों को फायदा होगा। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन का बीमा कराना अनिवार्य है। वाहन के मालिक को साधारण बीमा कंपनी से बीमा पॉलिसी खरीदनी पड़ती है। साधारण बीमा कंपनियां इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि इस संशोधन का उन पर क्या असर पड़ेगा। फिलहाल बीमा कंपनियों के लिए उनके कुल प्रीमियम का 7 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाकों से जुटाना जरूरी है। अगर कोई बीमा कंपनी ऐसा करने में असफल होती है तो उस पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। हालांकि, बीमा उत्पादों के आधार पर किसी तरह की सीमा तय नहीं की गई है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति के वाहन से अगर सड़क दुर्घटना में कोई व्यक्ति घायल होता है तो पॉलिसी बेचने वाली बीमा कंपनी उस व्यक्ति के दावे का भुगतान करती है। हालांकि, यह पॉलिसी बीमा कंपनियों के लिए घाटे का सौदा साबित होती है। इसमें बीमा कंपनियों को प्रीमियम से हासिल रकम से ज्यादा रकम दावे के भुगतान के तौर पर चुकाना पड़ता है। यही वजह है कि अधिकतर बीमा कंपनियां इस पॉलिसी की बिक्री में दिलचस्पी नहीं लेती हैं। बीमा कंपनियों को ऐसी पॉलिसी बेचने से नुकसान होता है, क्योंकि व्यावसायिक वाहनों से होने वाले दुर्घटनाओं की संख्या ज्यादा है। वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा बेचने का असर किसी एक ही कंपनी पर न पड़े इसलिए बीमा कंपनियां इस तरह की पॉलिसी की बिक्री से हासिल रकम एक जगह जमा करने यानी पर सहमत हो गई हैं। इसी रकम से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के दावों का भुगतान किए जाने का प्रावधान है।
क्या है थर्ड पार्टी पॉलिसी
अगर कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी के लिए थर्ड पार्टी पॉलिसी खरीदता है तो यह पॉलिसी गाड़ी से सड़क हादसे में घायल व्यक्ति के दावे का भुगतान करती है। बीमा कंपनियां इस पॉलिसी को बेचने में दिलचस्पी नहीं लेती हैं, क्योंकि इस तरह की पॉलिसी में उन्हें प्रीमियम से हासिल रकम से ज्यादा रकम दावे के भुगतान में चुकाना पड़ता है। हालांकि, बीमा एक्ट में संशोधन के बाद बीमा कंपनियों के लिए एक निश्चित संख्या में थर्ड पार्टी पॉलिसी बेचना अनिवार्य होगा।
सरकार मौजूदा बीमा कानून में व्यापक सुधार करने जा रही है। कंपनियों के लिए थर्ड पार्टी की बिक्री अनिवार्य बनाना इसी सुधार कार्यक्रम का हिस्सा है। बीमा कानून में संशोधन के जरिए सरकार इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा मौजूदा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करना चाहती है। थर्ड पार्टी पॉलिसी की बिक्री अनिवार्य बना देने से वाहन रखने वाले लोगों को फायदा होगा। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन का बीमा कराना अनिवार्य है। वाहन के मालिक को साधारण बीमा कंपनी से बीमा पॉलिसी खरीदनी पड़ती है। साधारण बीमा कंपनियां इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि इस संशोधन का उन पर क्या असर पड़ेगा। फिलहाल बीमा कंपनियों के लिए उनके कुल प्रीमियम का 7 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाकों से जुटाना जरूरी है। अगर कोई बीमा कंपनी ऐसा करने में असफल होती है तो उस पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। हालांकि, बीमा उत्पादों के आधार पर किसी तरह की सीमा तय नहीं की गई है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति के वाहन से अगर सड़क दुर्घटना में कोई व्यक्ति घायल होता है तो पॉलिसी बेचने वाली बीमा कंपनी उस व्यक्ति के दावे का भुगतान करती है। हालांकि, यह पॉलिसी बीमा कंपनियों के लिए घाटे का सौदा साबित होती है। इसमें बीमा कंपनियों को प्रीमियम से हासिल रकम से ज्यादा रकम दावे के भुगतान के तौर पर चुकाना पड़ता है। यही वजह है कि अधिकतर बीमा कंपनियां इस पॉलिसी की बिक्री में दिलचस्पी नहीं लेती हैं। बीमा कंपनियों को ऐसी पॉलिसी बेचने से नुकसान होता है, क्योंकि व्यावसायिक वाहनों से होने वाले दुर्घटनाओं की संख्या ज्यादा है। वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा बेचने का असर किसी एक ही कंपनी पर न पड़े इसलिए बीमा कंपनियां इस तरह की पॉलिसी की बिक्री से हासिल रकम एक जगह जमा करने यानी पर सहमत हो गई हैं। इसी रकम से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के दावों का भुगतान किए जाने का प्रावधान है।
क्या है थर्ड पार्टी पॉलिसी
अगर कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी के लिए थर्ड पार्टी पॉलिसी खरीदता है तो यह पॉलिसी गाड़ी से सड़क हादसे में घायल व्यक्ति के दावे का भुगतान करती है। बीमा कंपनियां इस पॉलिसी को बेचने में दिलचस्पी नहीं लेती हैं, क्योंकि इस तरह की पॉलिसी में उन्हें प्रीमियम से हासिल रकम से ज्यादा रकम दावे के भुगतान में चुकाना पड़ता है। हालांकि, बीमा एक्ट में संशोधन के बाद बीमा कंपनियों के लिए एक निश्चित संख्या में थर्ड पार्टी पॉलिसी बेचना अनिवार्य होगा।
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