राजस्थान हाई कोर्ट ने शहर में दूषित पानी से मौतों के मामले पर राज्य सरकार से पूछा है कि वह स्वच्छ पानी की आपूर्ति के लिए वह क्या कर रही है। हाई कोर्ट ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव एवं जलदाय व सिंचाई विभाग के प्रमुख शासन सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें निर्देश दिया है कि वह 28 अक्टूबर को हाई कोर्ट में पेश होकर स्पष्टीकरण दें।
न्यायाधीश आरएस चौहान ने यह आदेश शहर में गंगापोल की चौधरी कॉलोनी में दूषित पानी से हुई मासूम एवं पूर्व में दूषित पानी से हुई मौतों पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिया। न्यायाधीश ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि शहर में शुद्ध पानी की आपूर्ति की क्या व्यवस्था है और वह पानी की जांच कैसे करते हैं।
इन अफसरों को यह भी बताने के लिए कहा है कि जब पानी की पाइप लाइनों में खराब पानी आता है तो वे उसकी टेस्टिंग कैसे करते हैं और और टेंस्टिंग में पानी दूषित पाने पर क्या करते हैं। इसके अलावा पानी की पाइप लाइन जब टूट जाती है तो उसके लिए क्या करते है।
गौरतलब है कि मंगलवार को गंगापोल की चौधरी कॉलोनी में दूषित पानी की आपूर्ति से दो साल के आजम की मौत हो गई थी और उसके परिवार के तीन अन्य बच्चे भी अस्पताल में भर्ती हो गए थे। इसमें जलदाय विभाग को तीन जगहों पर पेयजल की पाइप लाइनों में लीकेज मिला था। इससे पहले भी चारदीवारी, शास्त्रीनगर एवं सांगानेर में दूषित पानी से मौत हो चुकी हैं।
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न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि जरूरत के नाम पर निजी संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सरकार के काम को अदालतों को 'संदेह' की नजर से देखना चाहिए।
पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति ... More Link |
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