पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, May 12, 2010

कपाड़िया बने भारत के मुख्य न्यायाधीश

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सबसे सीनियर जज एसएच कपाड़िया ने बुधवार को भारत के 38वें मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण कर लिया है. उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके कैबिनेट सहयोगियों के अलावा रिटायर होने वाले मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन भी शामिल थे.

जस्टिस कपाड़िया 29 सितंबर 2012 तक इस पद पर बने रहेंगे.

एसएच कपाड़िया उस पांच-सदस्यीय संवैधानिक पीठ का हिस्सा थे जिसने एक ऐतिहासिक निर्णय में कहा था कि संविधान के नवें शेड्यूल का न्यायिक पुनरावलोकन किया जा सकता है. समाचार एजेंसियों के अनुसार जस्टिस कपाड़िया को करों से संबंधित क़ानूनों की गहरी जानकारी है और इस बात की तारीफ़ उनके सहयोगी जज और वकील दोनों ही करते हैं. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक जस्टिस कपाड़िया ने 1974 में वकील के तौर पर न्यायापालिका में अपने करियर की शुरुआत की.

उन्हें आठ अक्तूबर 1991 को बॉम्बे हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया. वर्ष 1993 में वे इसी उच्च न्यायालय के स्थाई जज बने. जस्टिस कपाड़िया अगस्त 2003 में उत्तरांचल हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस बने और उसी साल दिसंबर में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया.

जीवन वृत्त 

जस्टिस एसएच कपाड़िया

जन्म: 29 सितंबर 1947

करियर: 10 सितंबर 1974 में वकील के तौर पर मुंबई में शुरुआत

8 अक्तूबर 1991 को बॉम्बे हाई कोर्ट के जज नियुक्त

23 मार्च 1993 को बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थाई जज नियुक्त

5 अगस्त 2003 में उत्तरांचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने

18 दिसंबर 2003 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त

12 मई 2010 को भारत के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त

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