पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, May 3, 2010

नोटेरी पब्लिक का नियमित निरीक्षण करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ जयपुर ने नोटेरी पब्लिक पर लगाम कसने के लिए जिला न्यायाधीशों को नियमित जांच एवं रिकार्ड दुरस्त करने के आदेश दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश जगदीश चन्द्र भल्ला एवं न्यायाधीश मनीष भंडारी की खंडपीठ ने यह आदेश शुक्रवार को जागो जनता सोसायटी की जनहित याचिका पर दिए हैं। खंडपीठ ने माना कि नोटेरी पब्लिक अनियमितताएं करते हैं, रिकार्ड दुरस्त नहीं करते। इनका नियमित निरीक्षण किया जाना जरूरी है।

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता के वकील पूनमचंद भंडारी ने इस जनहित याचिका में नोटेरी पब्लिक की कार्य शैली को चुनौती देते हुए कहा था कि निरीक्षण के अभाव में ये निरंकुश हो गए हैं। कई नोटेरी पब्लिक रिकार्ड का संधारण नहीं करते। भंडारी की दलील थी कि इनका नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए तथा गलती पर लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की जानी चाहिए।

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