पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, May 24, 2010

सेना पर एक लाख रु. का जुर्माना

सैन्य अधिकरण की क्षेत्रीय पीठ जयपुर ने पूर्व हवलदार को निशक्तता पेंशन नहीं देने पर सेना पर 1 लाख का जुर्माना किया है। साथ ही सेवामुक्ति की तारीख 19 नवंबर 04 से निशक्तता पेंशन और बकाया पेंशन राशि 6 प्रतिशत ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं। अधिकरण ने ये आदेश हवलदार मोहरसिंह की याचिका पर दिए।

अधिकरण ने कहा कि जुर्माना राशि मोहरसिंह को दी जाए और इसकी वसूली अपील मेडिकल बोर्ड के सदस्य एयर कमाडोर डीपी जोशी, लेफ्टिनेंट कर्नल शोभनादास और कर्नल एसपी सिंह के वेतन से की जाए। साथ ही अधिकरण ने रक्षा मंत्रालय को तीनों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए।

मोहरसिंह के वकील एस.बी.सिंह ने बताया कि फरवरी 02 में अरुणाचल में एक अभियान में मोहरसिंह दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। इलाज के बाद 19 नवंबर 04 को उसे सेवा मुक्त कर दिया। सिंह ने प्रिंसीपल कंट्रोलर ऑफ डिफंेस अकाउंट्स (पेंशन) के यहां निशक्तता पेंशन का क्लेम किया। कंट्रोलर ने इसे संवैधानिक मामला मान 20 जुलाई 05 को क्लेम निरस्त कर दिया था।

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