पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, April 22, 2010

थानों में 20 करोड़ के वाहन बने कबाड़

रायपुर जिले के थानों में 20 करोड़ के जब्त वाहन कबाड़ में सड़ रहे हैं। थानों के कैंपस में तीन हजार से ज्यादा बाइक और बड़ी गाड़ियां सड़ रही है। शहर के थानों की बात करें तो यहां दो हजार से ज्यादा गाड़ियां कबाड़ में पड़ी हैं। इनमें से 70 फीसदी गाड़ियां या तो सड़ चुकी हैं, या फिर वे किसी काम की नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बीमा कंपनी की याचिका पर सुनवाई में ऐसी गाड़ियों को उनके मालिकों और कंपनियों को लौटाने का आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश की कॉपी का अब शहर की थाना पुलिस को भी इंतजार है। एसपी अमित कुमार ने बताया कि थानों में ऐसी सैकड़ों गाड़ियां सड़ रही हैं, लेकिन इनकी नीलामी पुलिस के हाथ नहीं है।

इनमें से ज्यादातर गाड़ियां क्रिमिनल मामलों की हैं, जिनकी सुनवाई कोर्ट में लंबित है। 20 फीसदी गाड़ियां ऐसी भी हैं जो या तो जब्ती की हैं या फिर उनके मालिक इन्हें लेने नहीं आ रहे। शहर के थानों में खड़ी 40 फीसदी गाड़ियां चोरी और गुमी हुई थीं, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है। कोर्ट में मामलों का निपटारा नहीं होने की वजह से इन्हें बीमा कंपनियां और इनके मालिकों के सुपुर्द नहीं किया जा रहा।

साल के अंत में होती है नीलामी : पुलिस अफसरों का कहना है कि पुरानी गाड़ियों के अलावा जिन गाड़ियों के मालिक एक निश्चित समय तक इन्हें लेने नहीं आते, उन्हें नीलाम करने का प्रावधान है। इसके लिए एसडीएम कोर्ट से आदेश लेना पड़ता है। इसके बाद गाड़ियों की लिस्टिंग की जाती है। फिर विज्ञापन जारी कर नीलामी की कार्यवाही होती है। अफसरों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से थानों में नीलामी नहीं हुई है, यही वजह है कि दिनोंदिन वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है।

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