पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, April 5, 2010

राजस्थान राज्य के पहले न्यायिक सेवा केंद्र का शुभारंभ

राजस्थान राज्य के पहले न्यायिक सेवा केंद्र का शुभारंभ शनिवार को यहां के जिला न्यायालय परिसर में हुआ। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष केएस राठौड़ ने इसका विधिवत उद्घाटन किया। न्यायिक सेवा केंद्र की स्थापना से अब अधीनस्थ अदालतों में लंबित दीवानी मुकदमों के स्टेटस की जानकारी शीघ्र मिल सकेगी। इसके लिए केंद्र में पांच कम्प्यूटर लगाए गए हैं जहां से वकील व पक्षकार निशुल्क जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

राज्य में इस तरह का यह पहला सूचना केंद्र है। इसमें मुकदमा संख्या, पक्षकारों या वकीलों के नाम से केस का स्टेटस सर्च किया जा सकेगा। उद्घाटन समारोह में न्यायाधीश राठौड़ ने कहा कि न्यायिक क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है। राज्य में सबसे पहले जोधपुर में ही अदालतों को कम्प्यूटरीकृत किया गया था।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आपराधिक मामलों की सुनवाई करने से सरकारी खर्च में कटौती हुई। साथ ही पेशी पर कोर्ट में लाते समय मुलजिमों के भागने की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों व वकीलों को कम्प्यूटर विज्ञान व तकनीक सीखने की हिदायत देते हुए कहा कि इससे हाईटेक न्यायिक प्रणाली को विकसित करने में मदद मिलेगी। न्यायाधीश राठौड़ ने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली की तर्ज पर यहां भी ई-कोर्ट की स्थापना होगी। इससे धीरे-धीरे संपूर्ण न्यायिक प्रणाली को पेपरलेस किया जा सकेगा।

जिला एवं सेशन न्यायाधीश के.एस. भटनागर ने सेवा केंद्र के बारे में जानकारी दी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.पी. शर्मा ने आभार व्यक्त किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट निहालचंद जैन ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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