पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, April 1, 2010

आधा किलो शक्कर के लिए हत्या

शक्कर के बढ़ते दामों के बीच एक पिता ने अपनी बेटी को ही मौत के घाट उतार दिया। बेटी की गलती बस इतनी थी कि उससे आधा किलो शक्कर गिर गई थी। घटना जिले के कसरावद थाने की है। थाना प्रभारी एसएस उदावत के मुताबिक, 1 मार्च को अमलाथा के एक खेत से जली अवस्था में शव बरामद किया गया था।

जांच शुरू की गई, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। दरअसल, कसरावद के सुभाष तड़वी ने 26 फरवरी को अपनी 9 वर्षीय बेटी रेशमा को 60 रूपए देकर शक्कर लेने के लिए भेजा था। अगली शाम को जब सुभाष ने बेटी से चाय बनाने के लिए कहा, तो उसने आधा किलो शक्कर रास्ते में गिरने की बात कही। इस बात से खफा सुभाष ने आवेश में आकर रेशमा को बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई।

लाश फूंककर मिटा दिया साक्ष्य
आरोपी पिता सुभाष ने बेटी को मौत के घाट उतारने के बाद उसकी लाश को भी ठिकाने लगा दिया। पुलिस के मुताबिक सुभाष ने रेशमा की लाश को शिवपालसिंह निवासी अमलाथा की खेत की मेड़ पर कपास की काठी रखकर आग लगा दी। अब आरोपी पिता पुलिस की गिरफ्त में है।

ऎसे हुई तफ्तीश
जांच अघिकारी उदावत ने बताया कि सुभाष अपने 6 वर्षीय बेटे लल्ला, बेटी रेशमा के साथ रहता था। जब कुछ दिन तक उसके साथ बेटी नजर नहीं आई, तो ग्रामीणों को संदेह हुआ और पुलिस को सूचना मिली। पुलिस ने सुभाष से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया।

चेहरे पर शिकन तक नहीं
पूछताछ में सुभाष के चेहरे पर शिकन तक नहीं देखी गई। महज आधा किलो शक्कर के लिए बेटी की जान लेने का उसे कतई मलाल नहीं था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मंडलेश्वर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

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