पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, April 7, 2010

राजस्थान में 58 हजार गैर कानूनी धार्मिक निर्माण

उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को राजस्थान सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर अनाघिकृत धार्मिक निर्माण और भविष्य की नीति के मामले में शपथपत्र पेश किया। राजस्थान सरकार ने शपथपत्र में बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में कुल 58 हजार 253 ऎसे अनाघिकृत निर्माण है। इनमें जयपुर नगर निगम के 3095 निर्माण शामिल नहीं है।

राज्य सरकार ने भविष्य में अनाघिकृत धार्मिक निर्माण नहीं हो इसके नियम बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन कर दिया है। समिति जो नियम बनाएगी, उसे बजट सत्र के बाद लागू किया जाएगा। सरकार ने शपथ पत्र में जानकारी दी है कि अजमेर में सबसे अघिक 9638 और भीलवाड़ा में सबसे कम एक निर्माण हैं। जोधपुर में 3889, उदयपुर में 116 और बंसवाड़ा में केवल 7 निर्माण हैं।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 16 फरवरी को सभी राज्याें को निर्देश दिया था कि वे शपथ पत्र पर बताएं कि उनके राज्य में जिलेवार कितने सार्वजनिक स्थलाें पर अनाघिकृत धार्मिक निर्माण हैं और भविष्य में ऎसे निर्माण नहीं हो, इसके
लिए क्या नीति बनाई है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ब्यौरा पेश नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की।

साथ ही अदालत ने निर्देश दिया कि तीन सप्ताह में शपथ पत्र पर ब्यौरा पेश करे अन्यथा अगली सुनवाई 28 अपे्रल को मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से हाजिर हो।

0 टिप्पणियाँ: