पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, April 28, 2010

जज ने डांटा, महिला की कोर्ट में हार्ट अटैक से मौत

रोहिणी की सत्र अदालत में हत्या के प्रयास मामले में गवाही देने पहुंची एक बुजुर्ग महिला अचानक कोर्ट रूम में बेहोश हो गई। महिला की तबीयत ज्यादा खराब होने के चलते उसे नजदीकी सरोज अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में महिला की मौत का कारण हृदय गति का रुकना बताया गया है। दूसरी तरफ परिजनों ने आरोप लगाया है कि न्यायाधीश की फटकार के कारण महिला को हार्ट अटैक हुआ और उसकी मौत हो गई।

यह घटना रोहिणी की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लॉ की अदालत में सोमवार सुबह हुई। रोहिणी सेक्टर-१६ निवासी ६क् वर्षीय आरोपी पूनम सिंह अदालत में हत्या के प्रयास के एक मामले में अपनी गवाही देने आई थी। सुबह करीब ११ बजे कोर्ट रूम में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। वकील ने जज को इसकी सूचना दी। इसके बाद पूनम अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी, जिसके बाद जज ने खुद अपनी सीट से नीचे आकर उसे देखा। इस घटना के बाद जज कामिनी लॉ ने सभी मामलों की सुनवाई को स्थगित कर दिया। पूनम को अदालत परिसर में बनी डिस्पेंसरी में ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे तुरंत अस्पताल जे जाने की सलाह दी।

इसके बाद पूनम को एंबुलेंस के जरिए निकट के सरोज अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों ने महिला की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उधर, अदालत में मौजूद पूनम की बहू प्रिया ने आरोप लगाया कि जब उनकी सास की तबीयत खराब हो रही थी, तो उन्होंने जज से उन्हें अस्ताल ले जाने की गुहार लगाई थी।

प्रिया का आरोप है कि जज ने पूनम को कहा था कि ‘मैं इसे अस्पताल नहीं, जेल भेजूंगी’। इस बाबत प्रिया की ओर से रोहिणी कोर्ट चौकी में अपनी लिखित शिकायत भी दी गई है। वहीं, महिला के वकील राजीव चौधरी ने कहा कि फिलहाल वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। उधर, रोहिणी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर सिंह सरोहा ने कहा कि इस मामले में अब तक कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है।


हत्या के प्रयास मामले में गवाही देने आई थी

वर्ष २00५ में पूनम सिंह के दामाद त्रिलोक सिंह की हत्या हुई थी। त्रिलोक की लाश गाजियाबाद से मिली थी। पुलिस ने इस मामले में पूनम सिंह, उसके पति पीएल पुरुषोत्तम, उसके दो बेटे विजय और बलजिंदर पुरुषोत्तम के अलावा उसकी बहन अंजू वर्मा को आरोपी बनाया था। पुलिस ने इनके खिलाफ हत्या और अपहरण का मामला दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर लिया था।

इसके बाद अगले वर्ष २00६ में पूनम के घर पर उसकी नाती के ऊपर गोली चलाई गई थी। इसमें पुलिस ने पूनम की शिकायत पर दामाद त्रिलोक सिंह के पिता मंगलसेन वर्मा और रिश्तेदार कुलदीप वर्मा के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।

बाद में पुलिस ने पूनम पर ही आरोप लगाया था कि उसने उसने दामाद की हत्या के केस को मोड़ने के लिए अपने ऊपर गोली चलवाई। हत्या के प्रयास मामले में ही अदालत ने गवाही के लिए पूनम सिंह को तलब किया था। हालांकि अदालत ने सोमवार को हत्या के मामले में विजय, बलजिन्दर और उसकी बहन अंजू वर्मा को २१ दिनोंे के लिए अंतरिम जमानत दे दी।

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