पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, April 2, 2010

सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार को झटका

सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को राजस्थान की पूववर्ती सरकार के कार्यकाल के मामलों की जांच के लिए गठित माथुर आयोग के पास विचाराधीन मामले लोकायुक्त को सौंपने के राजस्थान हाईकोर्ट के चार जनवरी के फैसले पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। माथुर आयोग व कांगे्रस से जवाब-तलब भी किया है। मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन व न्यायाधीश दीपक वर्मा की खण्डपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।


राज्य सरकार की ओर से सालीसिटर जनरल गोपाल सुब्रहमण्यम व अभिषेक गुप्ता ने हाई कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्व न्यायाधीश एन.एन. माथुर की अध्यक्षता में पूर्ववती सरकार पर लगे आरोपों की तथ्यात्मक जांच करवाने के कमेटी का गठन किया गया था, राज्य सरकार को ऎसा करने का पूरा अघिकार है। संविधान में तीनों अंगों के अलग-अलग दायित्व बताए हैं, इसलिए हाईकोर्ट को इस मामले में दखल का अघिकार ही नहीं था। सरकारी पक्ष ने हाई कोर्ट में याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया। साथ ही, कहा कि हाईकोर्ट ने वह निर्णय दिया है, जिसकी जनहित याचिका में मांग ही नहीं की गई थी।

हाईकोर्ट ने सरकार को आयोग बनाने के लिए सक्षम माना और उसके गठन में कोई आपत्ति भी नहीं मानी, इसके बावजूद आयोग से काम छीनकर लोकायुक्त को देने का आदेश कर दिया, जबकि लोकायुक्त यह जांच करने में सक्षम ही नहीं है।

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