सत्यम कंप्यूटर में हुए तकरीबन 10,000 करोड़ रुपये के सनसनीखेज घोटाले की जांच अब अपने चरम पर पहुंच गई है। दरअसल, देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने इस घोटाले की पड़ताल को परिणति पर पहुंचाते हुए सत्यम के दागदार संस्थापक बी.रामालिंगा राजू और आठ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। आईपीसी की धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़ी विभिन्न धाराओं के तहत मंगलवार को यहां विशेष अदालत के समक्ष ब्क्क् पेजों की चार्जशीट दाखिल की गई। चार्जशीट में रामालिंगा राजू के साथ-साथ उनके भाई एवं कंपनी के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर रामा राजू, सत्यम के पूर्व सीएफओ वी.श्रीनिवास और प्राइसवाटरहाउस के दो बर्खास्त ऑडिटरों एस.गोपालकृष्णन व टी.श्रीनिवास को नामजद किया गया है।
इसी तरह सत्यम कंप्यूटर के उपाध्यक्ष (वित्त) जी.रामाकृष्णा और कंपनी के वित्त विभाग में कार्यरत डी.वेंकटपति राजू एवं श्रीसैलम को भी चार्जशीट में नामजद किया गया है। इस चार्जशीट में जिस नौवें व्यक्ति के नाम का जिक्र किया गया है वह कोई और नहीं, बल्कि रामालिंगा राजू के ही एक अन्य भाई सूर्यनारायण राजू हैं। सूर्यनारायण राजू दरअसल एसआरएसआर एडवाइजरी सर्विसेज के एक डायरेक्टर हैं। सूर्यनारायण राजू को छोड़ अन्य सभी व्यक्ति फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
अदालत में चार्जशीट के साथ-साथ सीबीआई ने बैंकों के साथ हुए लेन-देन को दर्शाने वाले 1,532 मूल दस्तावेज भी पेश किए हैं। इसी तरह सीबीआई ने इस मामले में अन्य दस्तावेजों के 65,000 पेज भी अदालत में प्रस्तुत किए हैं जिनमें 432 गवाहों के वक्तव्य भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से गुजारिश किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने गत 18 फरवरी को यह मामला सीबीआई के हवाले कर दिया था।
सीबीआई ने दावा किया है कि अपनी जांच के दौरान उसे कई ऐसे सबूत हाथ लगे हैं जिनसे कंपनी की कमाई को बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाने की पुष्टि होती है। सीबीआई ने संबंधित दस्तावेजों को जब्त करने की भी बात कही है।
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पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति ... More Link |
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