उच्चतम न्यायालय ने देश में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने संबंधी याचिका आज खारिज कर दी. याचिकाकर्ता अतुल सरोदे ने मु‘य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन और न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी कि जिस तरह आस्ट्रेलिया में मतदान को अनिवार्य बनाया गया है. उसी तरह भारत में मतदान अनिवार्य करने की जरूरत है. ताकि देश के ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की भागीदारी लोकतंत्र के महापर्व चुनाव में हो सके. खंडपीठ ने जब याचिकाकर्ता से यह पूछा कि आखिर उनकी जनहित याचिका का मकसद ‘या है, तो उन्होंने कहा कि वह ऐसी व्यवस्था चाहते हैं, जिससे लोकतंत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो और मतदान 50 प्रतिशत से अधिक हो सके. इसपर न्यायालय ने कहा कि देश में औसत मतदान तो अब भी 50 प्रतिशत से अधिक है. फ़िर इस याचिका का औचित्य ‘या है. इसके बाद न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी.
Saturday, April 18, 2009
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