पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, April 30, 2009

क़साब को चाहिए परफ़्यूम और अख़बार

मुंबई बम हमलों के मुख्य अभियुक्त अजमल आमिर क़साब ने टूथपेस्ट, परफ़्यूम और उर्दू अख़बार के साथ ही अपनी कोठरी के बाहर जेल के अहाते में टहलने की इजाज़त माँगी है.

मुंबई की विशेष अदालत में क़साब के वकील अब्बास काज़मी ने ये माँगें रखीं. उनका कहना था कि उनके मुवक्किल को 'खुली हवा' की ज़रूरत है और इसलिए उन्हें अपनी कोठरी से बाहर आने की अनुमति मिलनी चाहिए. 

क़साब मुंबई की उच्च सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में बंद है और जेल में एक विशेष अदालत बनाई गई है जहाँ मामले की सुनवाई चल रही है. 

अब्बास काज़मी ने बीबीसी को बताया कि उनके मुवक्किल 'उस कोठरी में बंद बंद सा महसूस कर रहे हैं इसलिए वह कुछ खुली हवा चाहते हैं.' 

क़साब ने अपने वकील काज़मी को उर्दू में लिखी चिट्ठी में सभी चीज़ों की माँग की.

1 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

अगर कसाब अपनी शारीरिक नैसर्गिक आवश्यकता की पूर्ति के लिये कहेगा कि मुझे मुंबई के कमाठीपुरा से वेश्या लाकर दो तो हमारी न्याय व्यवस्था उस पर भी विचार करेगी और हो सकता है इसे मांग को जायज़ मान कर ऐस प्रबंध भी कर दे
सादर
डा.रूपेश श्रीवास्तव