नई दिल्ली| दिल्ली के एक वकील ने इटली के व्यापारी आतोवियो क्वोत्रोची को बोफोर्स दलाली मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बरी किए जाने के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में मंगलवार को चुनौती दी है। वकील अजय के.अग्रवाल ने क्वात्रोची के खिलाफ इंटरपोल द्वारा जारी रेड कार्नर नोटिस को वापस लिए जाने के निर्णय के खिलाफ स्थगन आदेश जारी करने की मांग की है। वर्ष 1980 के मध्य चर्चा में आए बोफोर्स तोप सौदे में कथित तौर पर दलाली लेने के मामले में क्वात्रोची भारत में वांछित रहा है।
अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि अदालत में उनकी याचिका को सुनवाई के लिए पंजीकृत किया जाना अभी बाकी है।
अग्रवाल ने इसके पहले लंदन में स्थित क्वात्रोची के बैंक खातों को मुक्त करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ भी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अग्रवाल ने अदालत से मांग की है कि वह सरकार को आदेश दे कि वह क्वात्रोची को अति वांछित सूची से बरी करने के बदले उसे गिरफ्तार करे और भारत लाए।
अग्रवाल ने बोफोर्स दलाली मामले में कथित भूमिका के लिए एक स्थानीय अदालत में जारी मुकदमे की सुनवाई के दौरान क्वात्रोची की पेशी सुनिश्चित कराने के लिए भी जनवरी 2006 में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अग्रवाल की एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 16 जनवरी 2006 को सरकार को दिए अपने आदेश में क्वात्रोची के खातों को मुक्त न होने देने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा था।
अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि अदालत में उनकी याचिका को सुनवाई के लिए पंजीकृत किया जाना अभी बाकी है।
अग्रवाल ने इसके पहले लंदन में स्थित क्वात्रोची के बैंक खातों को मुक्त करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ भी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अग्रवाल ने अदालत से मांग की है कि वह सरकार को आदेश दे कि वह क्वात्रोची को अति वांछित सूची से बरी करने के बदले उसे गिरफ्तार करे और भारत लाए।
अग्रवाल ने बोफोर्स दलाली मामले में कथित भूमिका के लिए एक स्थानीय अदालत में जारी मुकदमे की सुनवाई के दौरान क्वात्रोची की पेशी सुनिश्चित कराने के लिए भी जनवरी 2006 में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अग्रवाल की एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 16 जनवरी 2006 को सरकार को दिए अपने आदेश में क्वात्रोची के खातों को मुक्त न होने देने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा था।
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