पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, June 10, 2009

आठवीं बोर्ड में 11 शिक्षकों को जीरो

भीलवाड़ा. आठवीं बोर्ड में जिले के 11 शिक्षकों का परिणाम शून्य रहा है। इसमें छह प्रधानाध्यापक भी शामिल हैं। 33 शिक्षकों का परिणाम 21 से 30 प्रतिशत के बीच रहा है। स्कूलों में संविदा पर कार्यरत विद्यार्थी मित्र व कार्यवाहक प्रधानाध्यापकों को रिजल्ट कम रहने पर होने वाली कार्रवाई के दायरे से बाहर रखा गया है। शिक्षा विभाग तीस प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की सूची तैयार कर उपनिदेशक को भेजेगा। 

16 द्वितीय श्रेणी के अध्यापकों का परिणाम तीस प्रतिशत से कम रहा है। इन शिक्षकों के खिलाफ उपनिदेशक कार्यालय अजमेर द्वारा कार्रवाई की जाएगी। कम परिणाम देने वालों का तबादला, चार्जशीट, सर्विस बुक में एंट्री, नोटिस सहित अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

शिक्षा विभाग प्रारंभिक के अनुसार सहाड़ा के मालीखेड़ा स्कूल में कार्यरत प्रधानाध्यापक अर्चना सोनगर, भैरूखेड़ा कोटड़ी के सीताराम कुम्हार, भभाणा मांडल के भगवतसिंह चुंडावत, बागजड़ा मांडल के रामप्रसाद, कायमपुरा शाहपुरा के जयदीपसिंह बड़गुर्जर व मंडोल रायपुर यूपीएस की सरोज यादव का परिणाम शून्य रहा है। भैरूखेड़ा कोटड़ी में कार्यरत कृष्णमुरारी वैष्णव, भभाणा मांडल के शिवदयाल ओझा, बागजड़ा के ओमप्रकाश, कायमपुरा शाहपुरा के रामसिंह मीणा व मंडोल रायपुर की विद्या टांक का परिणाम शून्य रहा है।

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