जयपुर : टोंक जिले की तहसील देवली के तत्कालीन तहसीलदार नारायण सिंह पटवारी रामप्रसाद शर्मा पर नागरिक श्योजीराम द्वारा आपस में मिलीभगत कर बीसलपुर बांध के डूब क्षेत्र में लगभग साढ़े छह हजार रुपये का मुआवजा दिलाकर राज्य सरकार को चपत लगाने के जुर्म में न्यायालय द्वारा प्रत्येक को एक-एक वर्ष का कठोर कारावास व प्रत्येक को 20 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक ने बताया कि ब्यूरो को सूचना मिली थी कि टोंक जिले की देवली तहसील में तहसीलदार व पटवारी ने आपस में मिलीभगत कर डूब क्षेत्र का नाजायज मुआवजा दिलवाया है। इस पर ब्यूरो ने मुकदमा दर्ज कर जांच करने पर पापा कि तत्कालीन तहसीलदार नारायण सिंह व पटवारी ने लाभार्थी श्योजीराम ने नाम सरकारी भूमि का फर्जी आवंटन दर्शाकर, नामांतरण कर सत्यापन करके बीसलपुर बांध परियोजना में डूब क्षेत्र भूमि को तहत 63 हजार 500 रुपए का मुआवजा दिलवाकर राज्य सरकार को हानि पहुंचाई है। महानिदेशक ने बताया कि ब्यूरो ने इस बाबत मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश की तथा नारायण सिंह, रामप्रसाद शर्मा एवं श्योजीराम के खिलाफ फरवरी,1999 में न्यायालय, विशिष्ट न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, जयपुर में चालान पेश किया था। न्यायाधीश ने ट्रायल के बाद नारायण सिंह, रामप्रसाद शर्मा एवं श्योजीराम को एक-एक वर्ष का कठोर कारावास व अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
Thursday, June 11, 2009
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