मुंबई पर हुए हमले की जांच कर रही विशेष अदालत ने पाकिस्तान के 22 आरोपियों के खिलाफ़ आज गैर जमानती वारंट जारी किया. विशेष अदालत के न्यायाधीश एमएल तहलियानी ने इस मामले में जांच कर रहे मुंबई पुलिस आयुक्त, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) निदेशक एवं अन्य जांच अधिकारियो को संबोधित करते हुए आज वारंट जारी किया. अदालत ने सभी आरोपियों को अदालत में हाजिर करने का आदेश दिया है. अदालत ने सिर्फ़ 22 पाकिस्तानी आरोपियों के खिलाफ़ गैर जमानती वारंट जारी किया है, जबकि पांच लोगों के बारे में जानकारी नहीं मिली है. विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कल 35 वांछित आरोपियों में से 27 लोगों के खिलाफ़ जो कि पाकिस्तान के रहनेवाले हैं, वारंट जारी करने की अपील की थी. श्री निकम ने याचिका दाखिल कर कहा था कि सिर्फ़ 27 आरोपियों के खिलाफ़ विस्तृत जानकारी मिल सकी है. इसमें से कुछ लोगों के बारे में दूतावास से जानकारी हासिल की गयी, लेकिन कुछ लोगों का पूरा नाम नहीं पता चल सका. श्री निकम ने अदालत से आग्रह किया था कि इन आरोपियों के खिलाफ़ गैर जमानती वारंट दूतावास चैनल के जरिये भेजा जाए.आरोपियों में से कुछ प्रमुख के नाम और पते मिले हैं जिसमें जकीउर रहमन लखवी, अबू हमजा, हाफ़िज मोहम्मद सइद उर्फ़ हफ़ीज साब, जरार शाह, अबू अब्दुल रहमान, अबू उमर सइद, अबू अल कामा उर्फ़ अमजिद, अबू मुफ्ती सइद और कर्नल आर सदाउतल्लाह शामिल हैं. मुंबई में 26 नवंबर को हमले के मामले में तीन गवाहों से भी पूछताछ हुयी.
![]() | संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकता: बालाकृष्णन 6 Comments - 19 Apr 2011 पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने संपत्ति से संबंधित सूचनाओं के गलत उपयोग बताते हुए आयकर अधिकारियों से कहा कि वह अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकते। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता पी बालाचंद्रन की ओर से आयरकर विभाग से बालाकृष्णन की संपत्ति की सूचना मांगने पर आयकर अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने हलफाना दाखिल किया है कि वह अपनी सम्पत्ति को ... More Link |
![]() | संवैधानिक अधिकार है संपत्ति का अधिकार 4 Comments - 19 Apr 2011 सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि संपत्ति का अधिकार संवैधानिक अधिकार है और सरकार मनमाने तरीके से किसी व्यक्ति को उसकी भूमि से वंचित नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि जरूरत के नाम पर निजी संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सरकार के काम को अदालतों को 'संदेह' की नजर से देखना चाहिए।
पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति ... More Link |
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment