पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, June 15, 2009

मानसिक उत्पीड़न की क्षतिपूर्ति सिर्फ व्यक्ति को

सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि फर्म वैयक्तिक जैसे 'मानसिक' उत्पीड़न के लिए मुआवजे का दावा नहीं कर सकती। नैशनल इंश्योरेंस कंपनी से मानसिक यंत्रणा के लिए मुजफ्फरनगर स्थित सिक्का पेपर्स लिमिटेड द्वारा किए गए दावे को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा, 'सिर्फ व्यक्ति ही मानसिक उत्पीड़न के लिए मुआवजे का दावा कर सकता है न कि कोई कंपनी।'
शुरू में नैशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने बीमा कंपनी से एक बीमित डीजल जेनरेटर की मरम्मत के लिए 35 लाख रुपये के दावे को खारिज कर दिया था जिसमें मानसिक उत्पीड़न के लिए 10 लाख रुपये भी शामिल थे।
न्यायालय ने उपभोक्ता अदालत के आदेश का समर्थन करते हुए बीमा कंपनी से 10,47,491 रुपये और मार्च 2000 के बाद से भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत का ब्याज चुकाए जाने को कहा।

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