अमृतसर में दहेज उत्पीड़न मामले में नामजद एक ऐसी महिला का नाम सामने आया है, जिसकी उम्र सिर्फ 25 दिनों में ही 10 वर्ष बढ़ गई है। इसे चूक कहा जाए या सीनियर सिटीजनशिप का फायदा लेने का प्रयास? यह तो समय ही बताएगा। गोकल नगर, मजीठा रोड निवासी समिता शर्मा पुत्री स्व. प्रेम कुमार की शिकायत पर थाना सदर में 13 जून 2009 को पति, सास-ससुर सहित ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज है।
समिता का कहना है कि 6 मार्च 2007 को उसकी शादी खंडवाला छेहर्टा निवासी अमन पुत्र सुरिन्द्र कुमार के साथ हुई थी। शादी के बाद उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। अप्रैल, 2008 में वह तीन महीने की गर्भवती थी तो उसे घर से निकाल दिया गया। 19 अक्टूबर 2008 को उसने एक बच्चे को जन्म दिया, किंतु उसकी कुछ ही समय बाद मौत हो गई। इसके बाद उसका पति गलती मानकर समझौता करके साथ ले गया। कुछ दिन बाद नौकरी करने की बात कह दिल्ली ले गया, जहां विवश होकर उसे भी नौकरी करनी पड़ी। इसके बावजूद ससुराल वालों का दहेज की मांग कम नहीं हुई। उसकी शिकायत में आरोपी बनाए गए ननद व ननदोई को स्थानीय एडिशनल सैशन जज एनके गौड़ की अदालत ने 29 जून तक अंतरिम जमानत दे दी।
अब ससुर सुरिंदर कुमार, सास राज रानी शर्मा और देवर रघुराज ने भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। जिसमें ससुर ने अपनी उम्र 70 और सास राजरानी ने 65 वर्ष बताई है। बुधवार को जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई तो पीड़ित समिता शर्मा की तरफ से सरकारी वकील के साथ साथ एडवोकेट मुख्तार सिंह वेरका भी पेश हो गए। उनका कहना था कि राजरानी ने दिल्ली स्थित एम्स में दांतों का इलाज करवाते समय 3 मई 2009 को अपनी उम्र 55 वर्ष लिखवाई थी, जबकि अग्रिम जमानत याचिका में 65 वर्ष बताई है। उन्होंने आशंका जताई कि यह सीनियर सिटीजनशिप का फायदा लेने का प्रयास हो सकता है। अदालत ने थाना सदर की पुलिस को 29 जून को अदालत में रिकार्ड पेश करने को कहा है।
समिता का कहना है कि 6 मार्च 2007 को उसकी शादी खंडवाला छेहर्टा निवासी अमन पुत्र सुरिन्द्र कुमार के साथ हुई थी। शादी के बाद उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। अप्रैल, 2008 में वह तीन महीने की गर्भवती थी तो उसे घर से निकाल दिया गया। 19 अक्टूबर 2008 को उसने एक बच्चे को जन्म दिया, किंतु उसकी कुछ ही समय बाद मौत हो गई। इसके बाद उसका पति गलती मानकर समझौता करके साथ ले गया। कुछ दिन बाद नौकरी करने की बात कह दिल्ली ले गया, जहां विवश होकर उसे भी नौकरी करनी पड़ी। इसके बावजूद ससुराल वालों का दहेज की मांग कम नहीं हुई। उसकी शिकायत में आरोपी बनाए गए ननद व ननदोई को स्थानीय एडिशनल सैशन जज एनके गौड़ की अदालत ने 29 जून तक अंतरिम जमानत दे दी।
अब ससुर सुरिंदर कुमार, सास राज रानी शर्मा और देवर रघुराज ने भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। जिसमें ससुर ने अपनी उम्र 70 और सास राजरानी ने 65 वर्ष बताई है। बुधवार को जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई तो पीड़ित समिता शर्मा की तरफ से सरकारी वकील के साथ साथ एडवोकेट मुख्तार सिंह वेरका भी पेश हो गए। उनका कहना था कि राजरानी ने दिल्ली स्थित एम्स में दांतों का इलाज करवाते समय 3 मई 2009 को अपनी उम्र 55 वर्ष लिखवाई थी, जबकि अग्रिम जमानत याचिका में 65 वर्ष बताई है। उन्होंने आशंका जताई कि यह सीनियर सिटीजनशिप का फायदा लेने का प्रयास हो सकता है। अदालत ने थाना सदर की पुलिस को 29 जून को अदालत में रिकार्ड पेश करने को कहा है।
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