जोधपुर. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर देश की सभी कॉमर्शियल बैंकों को स्पीड क्लियरिंग के माध्यम से लोकल चेक एक ही दिन में क्लियर कर राशि खाते में जमा करने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि बैंक अधिकारियों को इसका सीधा और सरल तरीका समझ में नहीं आ रहा।
वर्तमान में तीन से चार दिन बाद चेक क्लियरिंग हो पाते हैं। उधर, बैंकों की चिंता इस बात को लेकर है कि एक दिन में चेक की राशि ग्राहकों के खाते में डाल दे तो चेक रिटर्न होने की स्थिति में उनके सामने संकट खड़ा हो जाएगा, क्योंकि तमाम कानूनी प्रावधानों के बावजूद आज भी बड़ी संख्या में चेक बाउंस होते हैं। इसके बावजूद अधिकारी कोई रास्ता निकालने में जुटे हैं ताकि रिजर्व बैंक के निर्देशों की पालना भी हो जाए।
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के समक्ष वर्ष 2006 में आए मामले में सुनवाई के बाद कमीशन ने 27 अगस्त, 2008 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को लोकल व बाहरी चेकों के तुरंत भुगतान से संबंधित निर्देश जारी किए थे। निर्देशों के बावजूद बड़े शहरों में लोकल क्लियरिंग की जमा में 4 से लेकर 10 दिन तक का समय लगता रहा है। जोधपुर में तीसरे दिन क्लियरिंग जमा हो पाती है।
बैंकों में स्थानीय व बाहरी चेक दोपहर 3 बजे तक निकाल कर उनकी लिस्टिंग की जाती है। दूसरे दिन सुबह उन्हें स्टेट बैंक स्थित क्लियरिंग हाउस भेज दिया जाता है। जिन बैंकों की एक से अधिक शाखाएं हैं उनकी क्लियरिंग मुख्य शाखा अथवा सेवा शाखा के माध्यम से भेजी जाती है।
वर्तमान में तीन से चार दिन बाद चेक क्लियरिंग हो पाते हैं। उधर, बैंकों की चिंता इस बात को लेकर है कि एक दिन में चेक की राशि ग्राहकों के खाते में डाल दे तो चेक रिटर्न होने की स्थिति में उनके सामने संकट खड़ा हो जाएगा, क्योंकि तमाम कानूनी प्रावधानों के बावजूद आज भी बड़ी संख्या में चेक बाउंस होते हैं। इसके बावजूद अधिकारी कोई रास्ता निकालने में जुटे हैं ताकि रिजर्व बैंक के निर्देशों की पालना भी हो जाए।
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के समक्ष वर्ष 2006 में आए मामले में सुनवाई के बाद कमीशन ने 27 अगस्त, 2008 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को लोकल व बाहरी चेकों के तुरंत भुगतान से संबंधित निर्देश जारी किए थे। निर्देशों के बावजूद बड़े शहरों में लोकल क्लियरिंग की जमा में 4 से लेकर 10 दिन तक का समय लगता रहा है। जोधपुर में तीसरे दिन क्लियरिंग जमा हो पाती है।
बैंकों में स्थानीय व बाहरी चेक दोपहर 3 बजे तक निकाल कर उनकी लिस्टिंग की जाती है। दूसरे दिन सुबह उन्हें स्टेट बैंक स्थित क्लियरिंग हाउस भेज दिया जाता है। जिन बैंकों की एक से अधिक शाखाएं हैं उनकी क्लियरिंग मुख्य शाखा अथवा सेवा शाखा के माध्यम से भेजी जाती है।
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