पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, June 24, 2009

कोर्ट ने पति को सुझाया गांधीगीरी का स्टाइल ।

तुर्की की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के आरोपी एक शख्स को आदेश दिया है कि वह अपनी पत्नी को फूल भेंट करे। दियारबाकिर शहर का रहने वाला हैरेतिन सेटिनटास अपनी दो बीवियों और 10 साल के एक बेटे के साथ रहता है। उस पर आरोप है कि वह अपनी एक बीवी की लगातार पिटाई करता रहा है। 
मामले की सुनवाई करने वाले जज ने हैरेतिन को पांच महीने के प्रोबेशन पर इस शर्त पर छोड़ा है कि वह हफ्ते में एकबार अपनी पत्नी को फूलों का गुलदस्ता देगा और बच्चों की परवरिश से जुड़ी पांच किताबें पढ़ेगा। सुनवाई के दौरान हैरेतिन ने कहा, मुझे अपनी पहली पत्नी का बर्थडे याद नहीं है, मुझे हमारी शादी का दिन भी याद नहीं है। मैंने उसे कभी फूल भी नहीं दिए हैं। मुमकिन है कि थकान में मैंने अपने किसी बच्चे की भी पिटाई कर दी हो।

2 टिप्पणियाँ:

दिनेशराय द्विवेदी said...

इस चिट्ठे ने अच्छा काम आरंभ किया है। लेकिन वर्ड वेरिफिकेशन हटाएं इससे टिप्पणियां नहीं आ रही हैं।

Rakesh Shekhawat said...

सुझाव के लिए मैं आपका आभारी हूँ दरअसल मैंने इस ओंर ध्यान ही नहीं दिया।