पाई-पाई की मोहताज मेहनतकश माता-पिता की होनहार संतान कमलेश कुमार ने 12वीं कला वर्ग में राजस्थान टॉप कर यह दिखा दिया है कि प्रतिभा अभावों के आगे नहीं झुकती। कमलेश के घर की हालत बेहद नाजुक हैं और उसके पिता जूते बनाकर जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। स्थिति यह थी कि इस होनहार छात्र के पास आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए पैसे और संसाधन तक नहीं थे। ऐसे में उसकी मदद विद्यालय के निदेशक अमर सिंह ने की और इसे नि:शुल्क प्रवेश देने के साथ पुस्तकें भी मुहैया करवाई। अमर सिंह ने बताया कि कमलेश कुमार पुत्र बाबू लाल के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से इसे पिछले साल 4 जुलाई को उन्होंने नि:शुल्क एडमीशन दिया। हॉस्टल में भी नि:शुल्क रखा। यहां तक कि एक साल में जब कमलेश विद्यालय घर जाने का किराया भी दिया। कमलेश के पिता चमड़े की जूती बनाने और उसकी मां उन पर कशीदा काढ़ने का काम कर परिवार का पेट पालते हैं। घर की बिगड़ी आर्थिक स्थिति के चलते कमलेश के बड़े भाई की 11वीं के बाद पढ़ाई छूट गई। स्कूल प्रशासन के अनुसार छात्र काफी प्रतिभाशाली है, लेकिन घर की आर्थिक तंगी उसकी पढ़ाई में बाधा बन सकती है। कमलेश को आर्थिक मदद की जरूरत है।
Thursday, June 11, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment