मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु राज्य तथा अधीनस्थ सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखते हुए कहा कि यह कदम संविधान के अनुच्छेद 15.3 के अनुकूल है और 16.2 का उल्लंघन नहीं करता।
मुख्य न्यायाधीश एचएच गोखले और न्यायमूर्ति डी मुरगेशन ने 30 फीसदी महिला आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका को रद्द करते हुए कहा कि यह आरक्षण तमिलनाडु राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संबंधी नियमावली की नियम संख्या 21 संविधान की भावना के अनुरूप है।
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