पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, July 15, 2009

भोपाल गैस कांड पर लिखी किताब बैन।


जबलपुर की एक स्थानीय अदालत ने एक अंतरिम आदेश के जरिए भोपाल गैस त्रासदी को लेकर लिखी गई एक किताब पर रोक लगा दी है। 

'इट वाज द फाईव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल' पर स्थाई रूप से रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने अगले आदेश तक के लिए इसके मुद्रण, प्रकाशन, बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी। फ्रांसीसी लेखक डोमिनिक लापियर और जेवियर मोरो की इस किताब का प्रकाशन 'फुल सर्किल पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली' ने वर्ष 2001 में किया था और यह साल 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी पर आधारित है। 

मध्य प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक स्वराज पुरी ने किताब के कुछ हिस्सों पर एतराज जताते हुए इस पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला जज राजीव सिंह ने सोमवार को यह आदेश पारित किया। 

गैस त्रासदी के समय पुरी भोपाल के पुलिस अधीक्षक थे। उनका कहना है कि किताब के कुछ हिस्सों के अनुसार दुर्घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई नकारात्मक थी। इससे उनकी मानहानि होती है।

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