उच्चतम न्यायालय ने आज भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले की पत्नी और उनके पूर्व पति को अपनी बेटी के पालन पोषण को लेकर चल रहे मुकदमे को अदालत से बाहर सुलझाने का प्रयास करने को कहा।
उच्चतम न्यायालय ने चेतना कुंबले और उनके पूर्व पति कुमार जाहगिरधर को अपनी 15 वर्षीय बेटी के पालन पोषण को लेकर समझौता करने को कहा। न्यायमूर्ति तरुण चटर्जी और न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा ने इस मुद्दे को सुलझाने का समय देने के उद्देश्य से सुनवाई तीन हफ्ते तक स्थगित कर दी।
चेतना कुंबले ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले को पारिवारिक अदालत के पास भेज दिया था। जाहगिरधर ने तलाक के बाद चेतना और कुंबले के साथ रह रही बेटी को अपने साथ रखने के लिए उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी। चेतना ने तलाक के बाद कुंबले से शादी कर ली थी और 2004 के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उनकी बेटी उनके साथ रह रही है।
उच्चतम न्यायालय ने चेतना कुंबले और उनके पूर्व पति कुमार जाहगिरधर को अपनी 15 वर्षीय बेटी के पालन पोषण को लेकर समझौता करने को कहा। न्यायमूर्ति तरुण चटर्जी और न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा ने इस मुद्दे को सुलझाने का समय देने के उद्देश्य से सुनवाई तीन हफ्ते तक स्थगित कर दी।
चेतना कुंबले ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले को पारिवारिक अदालत के पास भेज दिया था। जाहगिरधर ने तलाक के बाद चेतना और कुंबले के साथ रह रही बेटी को अपने साथ रखने के लिए उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी। चेतना ने तलाक के बाद कुंबले से शादी कर ली थी और 2004 के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उनकी बेटी उनके साथ रह रही है।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment