पाकिस्तान में मौत की सजा पाए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के समक्ष दया याचिका पेश करेगा। सरबजीत केवकील ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। लाहौर की कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में कैद सरबजीत से मुलाकात करने के बाद वकील ओवैस कुरैशी ने पत्रकारों से कहा, "मैं बुधवार को दया याचिका दायर करूंगा। मैं राष्ट्रपति से भेंट करना चाहूंगा, इससे मैं मामले को व्यक्तिगत रूप से उनके सामने रख सकता हूं।"
शेख ने कहा कि दया याचिका में वर्ष 1990 में हुए बम विस्फोटों के दोष में मौत की सजा पाए सरबजीत का पत्र भी शामिल होगा, जिसमें जरदारी से मानवीय आधार पर क्षमा का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है, "मैं पहले ही 19 साल कैद में गुजार चुका हूं। इस्लाम अपने अनुयायियों को बदला लेने के स्थान पर क्षमा करने की शिक्षा देता है।"
कुरैशी के अनुसार सरबजीत ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी उसके मामले को पाकिस्तानी सरकार के सामने उठाने का आग्रह किया है।
शेख ने कहा कि दया याचिका में वर्ष 1990 में हुए बम विस्फोटों के दोष में मौत की सजा पाए सरबजीत का पत्र भी शामिल होगा, जिसमें जरदारी से मानवीय आधार पर क्षमा का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है, "मैं पहले ही 19 साल कैद में गुजार चुका हूं। इस्लाम अपने अनुयायियों को बदला लेने के स्थान पर क्षमा करने की शिक्षा देता है।"
कुरैशी के अनुसार सरबजीत ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी उसके मामले को पाकिस्तानी सरकार के सामने उठाने का आग्रह किया है।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment