इन दिनों उत्तर प्रदेश सचिवालय में अयोध्या के राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित सात पुराने कागज़ात ढूँढने के लिए हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सख़्त लहजे में आदेश दिया है कि इन कागज़ों को खोजकर जल्द से जल्द अदालत के सामने पेश किया जाए.
ये कागज़ात दिसंबर 1949 में विवादित मस्जिद परिसर में श्रीराम की मूर्तियाँ रखने के तुंरत बाद राज्य सरकार और ज़िला प्रशासन के बीच हुए पत्राचार और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से भेजे गए तार से संबंधित हैं. हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने पिछले दिनों राज्य के मुख्यसचिव अतुल गुप्त और प्रमुख गृहसचिव कुंवर फ़तेहबहादुर को इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर तलब किया था.
ये कागज़ात दिसंबर 1949 में विवादित मस्जिद परिसर में श्रीराम की मूर्तियाँ रखने के तुंरत बाद राज्य सरकार और ज़िला प्रशासन के बीच हुए पत्राचार और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से भेजे गए तार से संबंधित हैं. हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने पिछले दिनों राज्य के मुख्यसचिव अतुल गुप्त और प्रमुख गृहसचिव कुंवर फ़तेहबहादुर को इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर तलब किया था.
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