सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के कार्य पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन मशीनों का उपयोग हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में किया गया।
हैदराबाद के एक स्वयंसेवी संगठन द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए प्रधान न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन ने याचिकाकर्ता को शिकायतों का समाधान हासिल करने के लिए निर्वाचन आयोग के पास जाने को कहा।
हैदराबाद के एक स्वयंसेवी संगठन द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए प्रधान न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन ने याचिकाकर्ता को शिकायतों का समाधान हासिल करने के लिए निर्वाचन आयोग के पास जाने को कहा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी आशंका व्यक्त कर चुके हैं कि इवीएम से छेड़छाड़ कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया सकता है. उन्होंने चुनावों में इवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगाने और मतपत्रों के जरिये मतदान कराने की मांग की थी. हैदराबाद स्थित चुनाव निगरानी समूह के सदस्य और इंजीनियर वीवी राव ने न्यायालय में दायर इस याचिका में कहा था कि कई विशेषज्ञों ने इवीएम के दोषमुक्त होने पर सवाल उठाया है और यह आशंका भी जतायी है कि इन मशीनों से छेड़छाड़ करके चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सकता है.
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