संसद सत्र के पहले दिन ही जज पर दबाव बनाने के मामले को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष सहित कई राजनीतिक दलों के सदस्यों ने संबंधित मंत्री को हटाए जाने की मांग की। भाजपा, माकपा, अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने मंत्री को हटाए जाने की मांग करते हुए कई बार सदन की कार्रवाई बाधित की। सदस्यों का कहना था कि सरकार उस केंद्रीय मंत्री का नाम उजागर करे। उधर अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता ने आरोप लगाया कि केंद्रीय संचार मंत्री ए. राजा ने ही मद्रास हाईकोर्ट के जज को फोन कर आपराधिक मामले के एक आरोपी के पक्ष में फैसला देने का दबाव बनाया था। इसी मामले पर तमिलनाडु विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ और समूचा विपक्ष सदन से वाकआउट कर गया।
उधर एआईडीएमके सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री ए.राजा का नाम लेकर राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। जयललिता ने एक बयान जारी कर कहा कि यद्यपि सम्माननीय न्यायधीश ने किसी केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं लिया, लेकिन इसमें ज्यादा माथापच्ची करने की आवश्यकता नहीं है कि वह टेलीकॉम घोटाले का आरोपी ए.राजा ही हैं।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि एक हाईकॉर्ट जज ने किसी केंद्रीय मंत्री पर धमकाने का आरोप लगाया है और ऎसे मंत्री को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि मद्रास हाईकॉर्ट के जज जस्टिस आर. रधुपति ने सोमवार को खुली कॉर्ट में कहा था।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि एक हाईकॉर्ट जज ने किसी केंद्रीय मंत्री पर धमकाने का आरोप लगाया है और ऎसे मंत्री को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि मद्रास हाईकॉर्ट के जज जस्टिस आर. रधुपति ने सोमवार को खुली कॉर्ट में कहा था।
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