सीबीआई ने उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर आरोप लगाया है कि आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उनके विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल करने में हो रहे विलंब के लिए स्वयं बसपा प्रमुख जिम्मेदार हैं तथा उत्पीड़न एवं अवमानना के बारे में उनके आरोप निराधार हैं।
सीबीआई ने बारह पन्नों के हलफनामे में उच्चतम न्यायालय को बताया है कि मुख्यमंत्री मायावती और उनके परिजनों के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उसने अपनी जांच पूरी कर ली है।
न्यायालय में पेश अपने जवाबी हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि याचिकाकर्ता नहीं चाहती कि जांच संपन्न हो। साथ ही वे उत्पीड़न और अवमानना के निराधार आरोप लगा रही हैं। मामले की जाँच में जो तथाकथित विलंब हुआ है, वह स्वयं याचिकाकर्ता के कारण हुआ है।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल शैल कुमार द्विवेदी ने शनिवार को प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि राज्य सरकार सीबीआई के हलफनामे का जबाव दाखिल करेगी। इसके बाद मामले पर सुनवाई दो माह के लिए स्थगित कर दी गई। मामले पर सुनवाई 13 जुलाई को होनी थी। मायावती द्वारा न्यायालय में दाखिल हलफनामे का बिंदुवार जबाव देते हुए सीबीआई ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता कभी नहीं चाहतीं कि जांच अपने नतीजे पर पहुंचे।’’
सीबीआई ने बारह पन्नों के हलफनामे में उच्चतम न्यायालय को बताया है कि मुख्यमंत्री मायावती और उनके परिजनों के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उसने अपनी जांच पूरी कर ली है।
न्यायालय में पेश अपने जवाबी हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि याचिकाकर्ता नहीं चाहती कि जांच संपन्न हो। साथ ही वे उत्पीड़न और अवमानना के निराधार आरोप लगा रही हैं। मामले की जाँच में जो तथाकथित विलंब हुआ है, वह स्वयं याचिकाकर्ता के कारण हुआ है।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल शैल कुमार द्विवेदी ने शनिवार को प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि राज्य सरकार सीबीआई के हलफनामे का जबाव दाखिल करेगी। इसके बाद मामले पर सुनवाई दो माह के लिए स्थगित कर दी गई। मामले पर सुनवाई 13 जुलाई को होनी थी। मायावती द्वारा न्यायालय में दाखिल हलफनामे का बिंदुवार जबाव देते हुए सीबीआई ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता कभी नहीं चाहतीं कि जांच अपने नतीजे पर पहुंचे।’’
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