रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के कृष्णा गोदावरी (केजी) बेसिन से अनिल अंबानी की रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड (आरएनआरएल) को गैस सप्लाई पर जारी अंबानी भाइयों की जंग शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। आरएनआरएल ने शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की।संभावना जताई जा रही है कि अवकाश के बाद सुप्रीम कोर्ट खुलने पर अगले हफ्ते की शुरुआत में इस मामले पर सुनवाई हो सकती है। नेचुरल गैस संपत्ति का मालिकाना हक अपने पास होने का दावा करने वाली सरकार भी अपने हितों की रक्षा के लिए इस मामले में एक पक्ष बन सकती है।
शुक्रवार को विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर आरएनआरएल ने इस मामले में पहले कदम उठाने का फायदा पाया। कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि बम्बई उच्च न्यायालय के 15 जून के आदेश को जल्द से जल्द लागू कराया जाए।
शुक्रवार को विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर आरएनआरएल ने इस मामले में पहले कदम उठाने का फायदा पाया। कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि बम्बई उच्च न्यायालय के 15 जून के आदेश को जल्द से जल्द लागू कराया जाए।
आरआईएल को आशंका थी कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर आरएनआरएल के पक्ष में एक-पक्षीय आदेश जारी कर सकता है, इसलिए उसने तुरंत कैवियट याचिका दायर की। आरआईएल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह बम्बई उच्च न्यायालय के 15 जून के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी, जिसमें रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी (एडीए) समूह की कंपनी आरएनआरएल के पक्ष में फैसला दिया गया था।
ऐसा मालूम देता है कि जैसे दोनों पक्ष अब बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे हैं। आरएनआरएल संशोधन का आग्रह कर रही है ताकि बातचीत के बजाय समझौता सुनिश्चित किया जा सके, जबकि आरआईएल का दावा है कि 'गैस बेचने या उसकी कीमत तय करने को लेकर उसे मामूली आजादी दी गई है।' कुछ सप्ताह पहले ही बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश को एडीएजी के पक्ष में सुनाए गए फैसले के तौर पर लिया गया था।
ऐसा मालूम देता है कि जैसे दोनों पक्ष अब बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे हैं। आरएनआरएल संशोधन का आग्रह कर रही है ताकि बातचीत के बजाय समझौता सुनिश्चित किया जा सके, जबकि आरआईएल का दावा है कि 'गैस बेचने या उसकी कीमत तय करने को लेकर उसे मामूली आजादी दी गई है।' कुछ सप्ताह पहले ही बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश को एडीएजी के पक्ष में सुनाए गए फैसले के तौर पर लिया गया था।
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