पेयजल बनाने वाली कंपनी बिसलेरी के संयंत्र में दुर्घटना के दौरान अपना एक हाथ गंवाने वाले कर्मचारी को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये नहीं देने के कारण कंपनी के निदेशक रमेश चौहान को दिल्ली उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया है।
दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवा चुके बिसलेरी के कर्मचारी लाल बहादुर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश अजित प्रकाश शाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चौहान को सोमवार को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है।
लालबहादुर ने न्यायालय की एकल खंडपीठ के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मुआवजे के रूप में पीड़ित को प्रतिमाह 4,000 रुपये देने का आदेश दिया गया था। फैसले से नाखुश लालबहादुर ने कंपनी से 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
लालबहादुर नई दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में स्थित बिसलेरी के बोटलिंग प्लांट में काम करते थे। पिछले वर्ष काम के दौरान उनका दायां हाथ मशीन में फंस गया था। उनके वकील मनोहर सिंह बख्शी ने आईएएनएस से कहा, "दुर्घटना में लालबहादुर का हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे नजदीक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इच्छा के विरूद्ध उनका हाथ काटना पड़ा।"
बख्शी ने कहा कि इसके लिए कंपनी और अस्पताल जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बिसलेरी ने लालबहादुर को अस्पताल में खर्च हुए पैसे भी नहीं दिए। न्यायालय ने इस मामले में कंपनी के अलावा दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, नगर निगम और अस्पताल को भी नोटिस जारी किया।
दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवा चुके बिसलेरी के कर्मचारी लाल बहादुर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश अजित प्रकाश शाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चौहान को सोमवार को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है।
लालबहादुर ने न्यायालय की एकल खंडपीठ के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मुआवजे के रूप में पीड़ित को प्रतिमाह 4,000 रुपये देने का आदेश दिया गया था। फैसले से नाखुश लालबहादुर ने कंपनी से 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
लालबहादुर नई दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में स्थित बिसलेरी के बोटलिंग प्लांट में काम करते थे। पिछले वर्ष काम के दौरान उनका दायां हाथ मशीन में फंस गया था। उनके वकील मनोहर सिंह बख्शी ने आईएएनएस से कहा, "दुर्घटना में लालबहादुर का हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे नजदीक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इच्छा के विरूद्ध उनका हाथ काटना पड़ा।"
बख्शी ने कहा कि इसके लिए कंपनी और अस्पताल जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बिसलेरी ने लालबहादुर को अस्पताल में खर्च हुए पैसे भी नहीं दिए। न्यायालय ने इस मामले में कंपनी के अलावा दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, नगर निगम और अस्पताल को भी नोटिस जारी किया।
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