दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रसार भारती निगम में कथित वित्तीय अनियमितताओं की कंेद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से जांच कराने का आज आदेश दिया और एक पूर्व न्यायाधीश को इसके बोर्ड की बैठकों की निगरानी के लिए नियुक्त किया।
अदालत ने मामले के हल के लिए सरकार के और समय देने के अनुरोध को यह कहकर खारिज कर दिया कि केन्द्र को एक स्वायत्त बोर्ड के कामकाज में दखलदांजी नहीं करनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ए पी शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘ वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं संबंधी आरोपों को सीवीसी को संदर्भित किया जाता है कि वह उपयुक्त जांच कर रिपोर्ट दे सके।
पीठ ने कहा कि प्रसार भारती बोर्ड को पंद्रह दिन के भीतर अपनी बैठक आयोजित करने के लिए निर्देशित किया गया।
न्यायाधीश मनमोहन की सदस्यता वाली इस पीठ ने बोर्ड के अध्यक्ष अरूण भटनागर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी एस लाली के बीच सुलह कराने में सरकार के विफल रहने के बाद यह आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बोर्ड के सदस्य वित्त और सदस्य (कार्मिक) प्रसार भारती का रोजमर्रा का कामकाज देखेंगे।
इससे पहले 24 जुलाई को अदालत ने कहा था कि प्रसार भारती के सुचारू कामकाज के लिए वह एक अंतरिम आदेश जारी करेगी।
प्रसार भारती के अध्यक्ष ने कहा था कि निगम में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा कराई जाए क्योंकि बीते कई वषरे से इसमें कोई आंतरिक लेखा परीक्षण नहीं किया गया।
अदालत ने मामले के हल के लिए सरकार के और समय देने के अनुरोध को यह कहकर खारिज कर दिया कि केन्द्र को एक स्वायत्त बोर्ड के कामकाज में दखलदांजी नहीं करनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ए पी शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘ वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं संबंधी आरोपों को सीवीसी को संदर्भित किया जाता है कि वह उपयुक्त जांच कर रिपोर्ट दे सके।
पीठ ने कहा कि प्रसार भारती बोर्ड को पंद्रह दिन के भीतर अपनी बैठक आयोजित करने के लिए निर्देशित किया गया।
न्यायाधीश मनमोहन की सदस्यता वाली इस पीठ ने बोर्ड के अध्यक्ष अरूण भटनागर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी एस लाली के बीच सुलह कराने में सरकार के विफल रहने के बाद यह आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बोर्ड के सदस्य वित्त और सदस्य (कार्मिक) प्रसार भारती का रोजमर्रा का कामकाज देखेंगे।
इससे पहले 24 जुलाई को अदालत ने कहा था कि प्रसार भारती के सुचारू कामकाज के लिए वह एक अंतरिम आदेश जारी करेगी।
प्रसार भारती के अध्यक्ष ने कहा था कि निगम में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा कराई जाए क्योंकि बीते कई वषरे से इसमें कोई आंतरिक लेखा परीक्षण नहीं किया गया।
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