पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट
संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकता: बालाकृष्णन
6 Comments - 19 Apr 2011
पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने संपत्ति से संबंधित सूचनाओं के गलत उपयोग बताते हुए आयकर अधिकारियों से कहा कि वह अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकते। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता पी बालाचंद्रन की ओर से आयरकर विभाग से बालाकृष्णन की संपत्ति की सूचना मांगने पर आयकर अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने हलफाना दाखिल किया है कि वह अपनी सम्पत्ति को ...

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संवैधानिक अधिकार है संपत्ति का अधिकार
4 Comments - 19 Apr 2011
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि संपत्ति का अधिकार संवैधानिक अधिकार है और सरकार मनमाने तरीके से किसी व्यक्ति को उसकी भूमि से वंचित नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि जरूरत के नाम पर निजी संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सरकार के काम को अदालतों को 'संदेह' की नजर से देखना चाहिए। पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति ...

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Friday, July 17, 2009

रीता बहुगुणा को जेल, जमानत खारिज।


मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में बुधवार देर रात गाजियाबाद में गिरफ्तारी के बाद में मुरादाबाद में न्यायिक हिरासत में जेल भेजी गई कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी की जमानत पर विस्तृत सुनवाई व फैसला शुक्रवार को होगा। 

इस मामले और लखनऊ में उनका आवास फूंके जाने की घटना से कांग्रेसियों में उबाल आ गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिलों में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन करने के साथ ही मुख्यमंत्री मायावती के पुतले भी फूंके। कई स्थान पर कांग्रेसियों व पुलिस-प्रशासन के बीच भिड़ंत भी हुई। जिलों में पार्टीजनों ने गिरफ्तारी भी दी। जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। 

गाजियाबाद में गिरफ्तार के बाद रीता बहुगुणा जोशी को पुलिस घेरे में गुरुवार तड़के मुरादाबाद लाया गया। कुछ देर मुरादाबाद पुलिस लाइन में नजरबंद शैली में रखने के बाद उन्हें कोर्ट खुलने से पहले ही सीजेएम आवास पर पेशी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दोपहर बाद श्रीमती जोशी की जमानत की सुनवाई को लेकर कचहरी परिसर में माहौल गर्मा गया। सीजेएम से जिला जज की अदालत होते हुए अपर जिला जज [द्वितीय] के समक्ष पहुंचे इस मामले में पुलिस की ओर से केस डायरी पेश न करने को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की पैरवी कर रहे अधिवक्ता उत्तेजित हो गए। केस डायरी के अभाव में अपर जिला जज [द्वितीय] ने जमानत पर सुनवाई के लिए शुक्रवार [17 जुलाई] का वक्त मुकर्रर किया है।

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