सियासी गहमागहमी के बाद चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन [ईवीएम] के इस्तेमाल को लेकर छिड़ा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शिव सेना के पांच बार सांसद रह चुके मोहन रावले ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट से ईवीएम के जरिए हुए 15वीं लोकसभा के चुनाव को रद्द करने की मांग की है।
अपने वकील नवल के. झा के जरिए दायर जनहित याचिका [पीआईएल] में शिवसेना नेता ने कहा है कि ईवीएम के इस्तेमाल के कारण पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हुई। इसके साथ ही उन्होंने पुरानी मतपत्र प्रणाली बहाल करने की मांग की। याचिका में कहा गया है, '15वीं लोकसभा खास तौर पर दक्षिण मुंबई संसदीय सीट का चुनाव परिणाम रद्द किया जाए क्योंकि वहां भी त्रुटिपूर्ण, अविश्वसनीय और गैर भरोसेमंद ईवीएम के जरिए चुनाव कराए गए।'
रावले ने अपनी याचिका के समर्थन में भाजपा, माकपा, तेदेपा, सपा, राजद और लोजपा के नेताओं के बयानों का हवाला दिया है। इन सभी ने छेड़छाड़ की दृष्टि से ईवीएम को संवेदनशील बताते हुए मतपत्र प्रणाली बहाल करने के पक्ष में राय दी है।
अपने वकील नवल के. झा के जरिए दायर जनहित याचिका [पीआईएल] में शिवसेना नेता ने कहा है कि ईवीएम के इस्तेमाल के कारण पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हुई। इसके साथ ही उन्होंने पुरानी मतपत्र प्रणाली बहाल करने की मांग की। याचिका में कहा गया है, '15वीं लोकसभा खास तौर पर दक्षिण मुंबई संसदीय सीट का चुनाव परिणाम रद्द किया जाए क्योंकि वहां भी त्रुटिपूर्ण, अविश्वसनीय और गैर भरोसेमंद ईवीएम के जरिए चुनाव कराए गए।'
रावले ने अपनी याचिका के समर्थन में भाजपा, माकपा, तेदेपा, सपा, राजद और लोजपा के नेताओं के बयानों का हवाला दिया है। इन सभी ने छेड़छाड़ की दृष्टि से ईवीएम को संवेदनशील बताते हुए मतपत्र प्रणाली बहाल करने के पक्ष में राय दी है।
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