अमरीका की एक अदालत ने माइक्रोसॉफ़्ट को आदेश दिया है कि वो कनाडा की कंपनी आई4आई को पेटेंट के उल्लंघन के मामले में 29 करोड़ डॉलर का जुर्माना भरे। पेटेंट का ये मामला एक्सएमएल से संबंधित है जो एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसकी मदद से लिखित सामग्री (डॉक्यूमेंट) की फॉर्मेटिंग हो सकती है और अलग-अलग प्रोग्राम में फ़ाइलों को पढ़ा जा सकता है। माइक्रोसॉफ़्ट के मुख्य वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम के लिए एक्सएमएल बहुत अहम है।
कनाडा की कंपनी आई4आई(i4i) ने 1998 में पेटेंट दर्ज करवाया था जिसमें एक्सएमएल का इस्तेमाल डॉक्यूमेंट या दस्तावेज़ की फॉर्मेटिंग के लिए किया जा सकेगा। ओपन ऑफ़िस जैसे वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्रामों में भी एक्सएमएल का इस्तेमाल होता है। इससे पहले कोर्ट ने मुकदमे के दौरान पाया था कि माइक्रोसॉफ़्ट ने आई4आई को मिले पेटेंट का उल्लंघन किया है। एक अन्य आदेश में कोर्ट ने माइक्रोसॉफ़्ट पर पाबंदी लगाई है कि वो ऐसे सॉफ़्टवेयर का कोई संस्करण नहीं बेचेगा, न बेचने की पेशकश करेगा और न अमरीका में आयात करेगा जो एक्सएमएल फ़ाइल को खोल सके। ( जिन फ़ाइलों के एक्सटेंशन .xml, .docx, .docm) हो।
इस आदेश को मानने के लिए माइक्रोसॉफ़्ट के पास 60 दिन हैं हालांकि कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वो आदेश के ख़िलाफ़ अपील करेगी.माइक्रोसॉफ़्ट ने प्रवक्ता केविन कुट्ज़ ने कहा कि कंपनी अदालत के आदेश से काफ़ी निराश है। उन्होंने कहा कि कंपनी को नहीं लगता कि पेटेंट का उल्लंघन किया गया है और आई4आई का पेटेंट सही नहीं है।
कनाडा की कंपनी आई4आई(i4i) ने 1998 में पेटेंट दर्ज करवाया था जिसमें एक्सएमएल का इस्तेमाल डॉक्यूमेंट या दस्तावेज़ की फॉर्मेटिंग के लिए किया जा सकेगा। ओपन ऑफ़िस जैसे वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्रामों में भी एक्सएमएल का इस्तेमाल होता है। इससे पहले कोर्ट ने मुकदमे के दौरान पाया था कि माइक्रोसॉफ़्ट ने आई4आई को मिले पेटेंट का उल्लंघन किया है। एक अन्य आदेश में कोर्ट ने माइक्रोसॉफ़्ट पर पाबंदी लगाई है कि वो ऐसे सॉफ़्टवेयर का कोई संस्करण नहीं बेचेगा, न बेचने की पेशकश करेगा और न अमरीका में आयात करेगा जो एक्सएमएल फ़ाइल को खोल सके। ( जिन फ़ाइलों के एक्सटेंशन .xml, .docx, .docm) हो।
इस आदेश को मानने के लिए माइक्रोसॉफ़्ट के पास 60 दिन हैं हालांकि कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वो आदेश के ख़िलाफ़ अपील करेगी.माइक्रोसॉफ़्ट ने प्रवक्ता केविन कुट्ज़ ने कहा कि कंपनी अदालत के आदेश से काफ़ी निराश है। उन्होंने कहा कि कंपनी को नहीं लगता कि पेटेंट का उल्लंघन किया गया है और आई4आई का पेटेंट सही नहीं है।
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