
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश ने कल रविवार को, एक आदेश पर हस्ताक्षर किये थे जिसमें उनसे कहा गया है कि उप -राष्ट्रपति ७ दिनों के अन्दर, फिर से शपथ ले अथवा उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। न्यायालय के इस निर्णय पर उप-राष्ट्रपति ने, कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इससे पहले उन्होंने, अपने पद की शपथ फिर से लेने की मांगों को मानने से इनकार कर दिया था।
श्री झा के हिंदी भाषा में शपथ लेने को, एक राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसने नेपाल में भाषा को लेकर बहस शुरू कर दी है, जहां दर्जनों विभिन्न जातीय समुदाय, भिन्न- भिन्न भाषाएं बोलते हैं।
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