पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट
संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकता: बालाकृष्णन
6 Comments - 19 Apr 2011
पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने संपत्ति से संबंधित सूचनाओं के गलत उपयोग बताते हुए आयकर अधिकारियों से कहा कि वह अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकते। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता पी बालाचंद्रन की ओर से आयरकर विभाग से बालाकृष्णन की संपत्ति की सूचना मांगने पर आयकर अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने हलफाना दाखिल किया है कि वह अपनी सम्पत्ति को ...

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संवैधानिक अधिकार है संपत्ति का अधिकार
4 Comments - 19 Apr 2011
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि संपत्ति का अधिकार संवैधानिक अधिकार है और सरकार मनमाने तरीके से किसी व्यक्ति को उसकी भूमि से वंचित नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि जरूरत के नाम पर निजी संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सरकार के काम को अदालतों को 'संदेह' की नजर से देखना चाहिए। पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति ...

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Saturday, August 29, 2009

बीमा दावे के निपटारे में देरी, सेना पर जुर्माना।


दिल्ली उच्च न्यायालय ने “विकलांग पेंशन योजना” के तहत एक सैन्यकर्मी के बीमा दावे का निपटारा करने का सेना को कल निर्देश दिया और साथ ही इस मामले में उदासीन रवैया अपनाने पर सेना पर 25 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुदर्शन मिश्रा की एक खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अदालत आने को मजबूर करने के लिए बतौर जुर्माना 25 हजार रूपये देने का सेना प्रमुख को निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि सैन्यकर्मी को बीमा दावे के निपटारे के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पडा।

न्यायालय ने यह आदेश श्री सिंघेश्वर सिंह की याचिका पर दिया। श्री सिंह को सेना में नौकरी के दौरान विकलांगता के कारण सेवानिवृत्त होना पडा था। याचिकाकर्ता ने कहा कि विकलांग होने के मामले में किसी व्यक्ति के लाभों के लिए नियम स्पष्ट है लेकिन सेना ने इसका पालन करने से इंकार कर दिया। इस की वजह से याचिकाकर्ता को न्याय पाने के लिए अदालत आना पडा।

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